अमित शाह बोले- एनआरसी और एनपीआर में कोई संबंध नहीं, PM मोदी का बयान सही
नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन, पुलिस की कार्रवाई और डिटेंशन सेंटर समेत कई मुद्दों पर न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया। एनआरसी और एनपीए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर अमित शाह ने कहा कि, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के बीच कोई संबंध नहीं है, मैं आज इसे स्पष्ट रूप से बता रहा हूं।
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एनपीआर के डेटा का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं में होगा: शाह
उन्होंने कहा कि, एनपीआर के डेटा का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए होता है। इससे हमे डेटा होता है। नागरिकता कानून का विवाद अब खत्म हो रहा है। इसलिए अब एनपीआर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। राजनीति हो रही है।एनपीआर का नोटिफिकेशन 31 जुलाई को जारी हुआ, अब इसपर विवाद कराने की कोशिश हो रही है। असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहते हैं कि पश्चिम से उगता है। वह हमेशा हमारे रुख का विरोध करते हैं। फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूं कि CAA का NRC से कोई लेना-देना नहीं है। केरल और पश्चिम बंगाल द्वारा एनपीआर ना लाने पर अमित शाह ने कहा कि, मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से फिर से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और कृपया आप फैसलों की समीक्षा करें, गरीबों को अपनी राजनीति के लिए सिर्फ विकास कार्यक्रमों से बाहर न रखें।
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'अगर एनआरसी करना होगा तो कोई चोरी-छिपे थोड़े ही ना किया जाएगा'
शाह ने कहा कि, मैं जनता को बताना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि, एनपीआर के डेटा के अनुसार भारत के आने वाले 10 साल के विकास का खाका तैयार होगा। हां, इसमें आधार कार्ड की जानकारी देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि, एनपीआर से लोगों को कोई तकलीफ नहीं है, यह पहले भी हो चुका है। नागरिकता कानून को लेकर जो अफवाह फैलाई गई, उससे सवाल खड़ा हो गया है। अब नागरिकता कानून का विरोध खत्म हो रहा है, इसलिए इसको लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश है। गृह मंत्री ने कहा कि, एनआरसी पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं है। पीएम ने जो रविवार को सही कहा है, इसपर अभी कोई विचार नहीं किया गया है। अगर एनआरसी करना होगा तो कोई चोरी-छिपे थोड़े ही ना किया जाएगा। एनपीआर हमारा या हमारे घोषणापत्र का एजेंडा नहीं है। यह कांग्रेस सरकार लेकर आई थी। अच्छी योजना है, इसलिए इसे हम भी कर रहे हैं। केरल और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के द्वारा नागरिकता कानून लागू करने से मना करने के सवाल पर बोले अमित शाह, 'मैं राज्यों से बात कर उन्हें समझाऊंगा।
CAA प्रोस्टट पर शाह कही ये बात
नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शनों और हिंसा को लेकर अमित शाह ने कहा कि, मैंने इस दौरान लोगों से कई बार शांति की अपील की। राज्यों से भी इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि, नागरिकता कानून को लेकर सबसे ज्यादा उत्तर पूर्वी राज्यों में विरोध की उम्मीद थी, लेकिन वहां तुलनात्मक रूप से शांति रही। बाकी जगहों पर राजनीतिक विरोध हुआ। पुलिस फायरिंग करने की स्थिति तब आती है, जब किसी की जान पर खतरा होता है। अगर कोई बस और दुकानों में आग लगाता है तो पुलिस लोगों की जान बचाने के लिए कार्रवाई करती है। हां 1-2 जगहों पर पुलिस किसी परिसर के अंदर घुसी होगी। लेकिन ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता है।
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डिंटेशन सेंटर के सवाल पर अमित शाह ने दी सफाई
डिंटेशन सेंटर के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि, मेरी जानकारी के हिसाब से एक ही डिटेंशन सेंटर है, कोई और डिंटेशन सेंटर हमने शुरू नहीं किया है। असम में 19 लाख लोग एनआरसी से बाहर हैं, उन्हें कहां डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। एनआरसी से बाहर लोग अपने घरों में रह रहे हैं। उन्हें कानूनी मदद भी मुहैया कराई जा रही है। एक डिटेंशन सेंटर असम में चल रहा है, उसमें केवल अवैध प्रवासियों को रखा जाता है। कहीं और डिटेंशन सेंटर की जानकारी नहीं।
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