दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी के आरोपी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने क्लीन चिट दी, HC ने लगाई फटकार
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित ऑक्सीजन सिलेंडर जमाखोरी मामले में भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास समेत नौ नेताओं को दिल्ली पुलिस द्वारा क्लीन चिट देने पर असंतोष जताया है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस विपिन सांघी और जसमीत सिंह के बेंच ने कहा कि हम इस स्थिति को कतई नहीं स्वीकार नहीं कर सकते हैं कि महामारी में व्यापार किया जाए। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। राजनीतिक दल इस महामारी को बिक्री का केंद्र नहीं बना सकते। वे इसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के कैसे खरीद सकते थे? कोर्ट ने आगे कहा "आपको जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा। उनके पास दवा खरीदने और कुछ ख्याति अर्जित करने के लिए जमाखोरी करने का कोई व्यवसाय नहीं है। अब ऐसा लगता है कि आपको सच्चाई से बाहर निकलने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आप ख़ुद कैसे निष्कर्ष पहुंच गए कि दवाओं, उपकरणों की जमाखोरी नहीं हुई। क्या इन नेताओं ने दवाओं की खरीद के बिल दिखाए? हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की पूरी जांच करे और तब जाकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। पुलिस इस बात को बताए कि नेताओं को वो दवाइयां कैसे और कहां से मिलीं, जो बाजार में आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि नेताओं ने जब दवा को स्टोर कर लिया जो ना जाने इसके आभाव में कितने मरीजों की मौत हो गई। कोर्ट ने आगे कहा कि सभी को राजनीतिक फायदे से उपर उठना चाहिए और उनके पास जो दवाएं हैं वो सरकार को सौंप देना चाहिए ताकि जरूरतमंद को समय पर दवा मिल सके।
इस मामले में अब अगली सुनवाई 24 मई को होगी। आपको बता दें कि नॉन प्रॉफिट संस्था हृदय फाउंडेशन के चेयरमैन दीपक सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आरोप लगाए थे कि कुछ नेता दवाओं और मेडिकल सामान की जमाखोरी कर रहे हैं। याचिका में उन्होंने बीवी श्रीनिवास, BJP सांसद गौतम गंभीर, सुजॉय विखे, कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा का नाम भी लिया था।
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