हिमाचल प्रदेश के CM बोले, जो भारत माता की जय कहेगा वही भारत में रहेगा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार विरोध जारी है। पिछले चार दिनों में हुई हिंसा में अबतक 28 लोगों की जान चली गई है। दिल्ली में हुई हिंसा की एक बड़ी वजह नेताओं के भड़काऊ भाषण रहे हैं। लेकिन इन सब के बावजूद विवादित बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि जो भारत माता की जय कहेंगे सिर्फ वही भारत में रहेंगे। मंगलवार को शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जय राम ठाकुर ने कहा कि जो लोग भारत माता की जय कहेंगे वही भारत में रहेंगे।
भारत माता की जय कहने वाले ही रहेंगे भारत में
जय राम ठाकुर ने कहा कि जो लोग भारत माता की जय नहीं कहेंगे वह भारत में नहीं रहेंगे। जो लोग बार-बार संविधान का अपमान करते हैं और जो लोग सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा करते हैं और जो लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं कि देश में कुछ अच्छा नहीं है, उनके साथ सख्ती से निपटने की जरूरत है। दरअसल जय राम ठाकुर से पूछा गया था कि क्या दिल्ली में हिंसा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे के चलते हुई। इस सवाल का जवाब देते हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि जो लोग भारत का विरोध करेंगे उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है।
28 लोगों की जान गई
बता दें कि दिल्ली हिंसा में अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि घायलों की संख्या 200 तक पहुंच गई है, हालांकि बुधवार को कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, दिल्ली पुलिस ने भी दावा किया कि हालात काबू में हैं। बुधवार को एक बार फिर हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने वाले NSA अजीत डोभाल ने भी कहा कि सब शांत है तो वहीं, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक को नेताओं के भड़काऊ वीडियो देखने हैं, जिसके बाद पुलिस को गुरुवार दोपहर 2.15 बजे हाई कोर्ट में जवाब देना है।
जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला
इससे पहले जस्टिस एस मुरलीधर का केंद्र सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में तबादला कर दिया। इस बाबत सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके तबादले की सिफारिश की थी। जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सीजीआई बोबडे की सलाह पर जस्टिस एस मुरलीधर को हस्तांतरित कर दिया। बता दें कि जस्टिस मुरलीधर दिल्ली हाई कोर्ट के तीसरे सबसे वरिष्ठ जज हैं। अहम बात है कि जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपने अंतिम कार्यदिवस में दिल्ली के दंगों पर अहम निर्देश पारित किया था।