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कौन थे IPS ऑफिसर हेमंत करकरे और कैसे उन्‍होंने मालेगांव ब्‍लास्‍ट केस को सुलझाया था

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मुंबई। 26/11 में शहीद हुए आईपीएस ऑफिसर हेमंत करकरे पर पिछले कुछ दिनों से फिर से चर्चा होने लगी हैं। चर्चा की वजह है मध्‍य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही प्रज्ञा सिंह ठाकुर। प्रज्ञा की मानें तो उन्‍होंने आईपीएस ऑफिसर हेमंत को श्राप दिया था और आतंकी हमले में उनकी शहादत इस श्राप का अंजाम थी। प्रज्ञा जो कि इस समय जमानत पर बाहर हैं, साल 2008 में हुए मालेगांव ब्‍लास्‍ट में गिरफ्तार हुई थीं। हेमंत, महाराष्‍ट्र के एंटी-टेररिज्‍म स्‍क्‍वॉयड (एटीएस) के मुखिया थे जब उन्‍होंने मालेगांव ब्‍लास्‍ट की गुत्‍थी को सुलझाया था। प्रज्ञा ठाकुर इसी ब्‍लास्‍ट की संदिग्‍ध हैं।

क्‍या था मालेगांव ब्‍लास्‍ट

क्‍या था मालेगांव ब्‍लास्‍ट

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मोटरसाइकिल पर बम प्‍लांट किया गया जो ब्‍लास्‍ट हो गया। इस ब्‍लास्‍ट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हुए थे। हमले के एक माह के अंदर ही करकरे और उनकी टीम को सफलता हासिल हुई जब मोटर साइकिल का इंजन नंबर उन्‍हें मिला। इससे टीम को पता लगा कि मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर रजिस्‍टर्ड थी। 24 अक्‍टूबर 2008 को एटीएस ने प्रज्ञा ठाकुर के अलावा शिव नारायण गोपाल सिंह कालसांगरा और श्‍याम भंवरलाल साहू को गिरफ्तार किया।

एक माह में गिरफ्तार हुए थे 11 लोग

एक माह में गिरफ्तार हुए थे 11 लोग

एटीएस के मुताबिक हमले का एक आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) प्रसाद पुरोहित ने अभिनव भारत नाम संगठन का तैयार करने में अहम भूमिका अदा की थी। इसका मकसद एक अलग हिंदू राष्‍ट्र का निर्माण करना था जिसका अपना एक सविंधान हो। पुरोहित ने ही ब्‍लास्‍ट में प्रयोग आरडीएक्‍स को सप्‍लाई किया था। पांच नवंबर 2008 को पुरोहित को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। अक्‍टूबर से नवंबर 2008 तक करकरे ने मालेगांव ब्‍लास्‍ट के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस की जांच में यह दावा किया गया था कि मालेगांव की मुसलमान आबादी को नुकसान पहुंचाने के मकसद से हिंदू अतिवादी संगठनों ने इस हमले को अंजाम दिया था। उस समय बीजेपी, आरएसएस और विश्‍व हिंदू परिषद ने एटीएस को आड़े हाथों लिया था।

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NIA ने प्रज्ञा ठाकुर को दी क्‍लीन चिट

NIA ने प्रज्ञा ठाकुर को दी क्‍लीन चिट

एटीएस ने इसके बाद केस में गिरफ्तार लोगों पर महाराष्‍ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्‍ड क्राइम एक्‍ट (मकोका) के तहत केस दर्ज किया। इसके बाद जब इस ब्‍लास्‍ट के साथ 'हिंदू टेरर' शब्‍द का प्रयोग हुआ नया विवाद पैदा हो गया। बाद में इस केस को नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को ट्रांसफर कर दिया गया। 13 मई 2016 को एनआईए ने केस में एक और सप्‍लीमेंटरी चार्जशीट दायर की थी। एनआईए ने कहा था कि केस की जांच राज्‍य अथॉरिटीज ने ठीक तरह से नहीं की थी और इसके साथ ही मकोका को भी हटाने की बात कही गई।27 दिसंबर 2017 को स्‍पेशल कोर्ट ने मकोका हटाने का आदेश दिया। एनआईए ने अपनी जांच में ठाकुर को क्‍लीन चिट दे दी थी। हालांकि एनआईए पर इसके बाद सवाल लगने शुरू हो गए थे।

मुंबई आतंकी हमलों के शहीद

मुंबई आतंकी हमलों के शहीद

26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों सीनियर पुलिस ऑफिसर करकरे, अशोक काम्‍टे और विजय सालस्‍कर के साथ शहीद हो गए थे। हेमंत करकरे को कामा हॉस्पिटल के बाहर आतंकियों की गोली लगी थी। आईपीएस ऑफिसर करकरे मध्‍य प्रदेश के रहने वाले थे। उन्‍होंने महाराष्‍ट्र के वर्धा से अपनी स्‍कूली पघ्‍ढ़ाई पूरी की थी। इसके बार सन् 1975 में उन्‍होंने नागपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। साल 1982 में करकरे इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) का हिस्‍सा बने। भारत की इंटेलीजेंस एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिसि विंग (रॉ) के एजेंट के तौर पर करकरे ने ऑस्ट्रिया के विएना स्थित इंडियन मिशन को भी अपनी सेवाएं दी थीं।

अशोक चक्र से सम्‍मानित करकरे

अशोक चक्र से सम्‍मानित करकरे

सन् 1991 में करकरे महाराष्‍ट्र के चंद्रपुर जिले में बतौर एसपी होकर पहुंचे। चंद्रपुर महाराष्‍ट्र का वह जिला है जहां पर नक्‍सलियों काफी सक्रिय थे। करकरे ने मुंबई के क्राइम ब्रांच में भी कुछ दिन अपनी सेवाएं दी थीं। एटीएस चीफ बनने से पहले करकरे मुंबई पुलिस में बतौर ज्‍वॉइन्‍ट पुलिस कमिश्‍नर भी तैनात रहे थे। करकरे के करीबी उन्‍हें एक मेहनती और पूरी तरह से ड्यूटी के लिए समर्पित रहने वाला ऑफिसर मानते हैं। करकरे को शांति के समय दिए जाने वाले देश के सर्वोच्‍च सम्‍मान अशोक चक्र से भी सम्‍मानित किया गया था। प्रज्ञा ठाकुर, कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के खिलाफ उम्‍मीदवार हैं। प्रज्ञा ने विवाद बढ़ता देख अपना बयान वापस ले लिया है। उनका कहना है कि यह उनका व्‍यक्तिगत दर्द था। उनकी पार्टी ने भी उनके बयान से कन्‍नी काट ली है।

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English summary
Hemant Karkare who is a 26/11 martyred and the main officer who cracked 2008 Malegaon case.
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