मुंबई के अस्पताल में कोरोना मरीजों के पास पड़े शवों पर महाराष्ट्र स्वास्थ्य मंत्री ने दी ये सफाई
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते देश में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित है। मुंबई में कोरोना वायरस की वजह से हालात सबसे खराब हैं। यहां कोरोना वायरस से संक्रमित वार्ड में जहां लोगों का इलाज चल रहा था, वहां कई शव मिलने से हड़कंप मच गया। घटना के सामने आने के बाद सरकार कटघरे में है। तमाम शवों का वीडियो सामने आने के बाद बीएमसी ने कहा है कि हमने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है, जोकि 24 घंटों के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगे। वहीं अब महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर सरकार की ओर से सफाई दी हैं।

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि 30 मिनट के भीतर कोरोना मृतक के परिजनों को शव निकाल लेना चाहिए, लेकिन कुछ देर तक डर के मारे वो शव को लेने से हिचकिचाते हैं। जिसके बाद शवों को मोर्चरी में भेजना पड़ता हैं। इस सभी प्रक्रिया का पालन करने में समय लगता है। अब हमने निर्देश दिया है कि 30 मिनट से भी कम समय में शरीर का निस्तारण किया जाना चाहिए।

बता दें कि बीजेपी विधायक नितेश राणे ने ट्विटर पर मुंबई के सायन अस्पताल का एक वीडियो शेयर किया है। सायन अस्पताल बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अंतर्गत आता है, जहां पर अभी शिवसेना बहुमत में है। वीडियो में दिख रहा है कि वार्ड में कई शव पड़े हैं। जिनके बगल में मरीज सोने को मजबूर हैं। बीजेपी विधायक नितेश राणे ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सायन अस्पताल में एक मरीज के बगल में शव पड़ा हुआ है। ये लापरवाही की हद है। अस्पताल में ये कैसी व्यवस्था है। उन्होंने बीएमसी को टैग करते हुए लिखा कि ये बहुत ही शर्मनाक है। बीएमसी सबसे अमीर निकाय होने का दावा करती है, लेकिन मरीजों की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं देता।
Within 30 minute relatives of the deceased should take away the body but sometime they hesitate. Then it has to go to mortuary. Following all the procedure takes time. Now we have instructed that body should be disposed off in less than 30 minutes: Rajesh Tope,Maha Heath Minister https://t.co/3nGjPhuujs
— ANI (@ANI) May 7, 2020
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