Haryana Assembly Elections 2019: अपमान को अपनी ताकत बनाने वाले दुष्यंत चौटाला के हाथ में है सत्ता की 'चाबी'?
चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, बीजेपी और कांग्रेस दोनों बहुमत से दूर हैं तो वहीं दुष्यंत चौटाला 'किंगमेकर' बनकर उभरे हैं, उनकी जननायक जनता पार्टी ( जेजेपी का चुनाव चिह्व चाबी है) के पास ही अब सत्ता की 'चाबी' है, जब साल 2018 दिसंबर में उन्होंने जेजेपी के नाम से अपनी नई पार्टी बनाई थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वो चुनाव में कमाल कर जाएंगे, हरियाणा के कद्दावर सियासी परिवार के वारिस दुष्यंत को सियासत विरासत में मिली है और उन्होंने ये पूरी तरह से साबित कर दिया कि वाकई राजनीति उनके खून में हैं और 10 सीटें जीतकर चुनावी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
Recommended Video
चलिए विस्तार से जानते हैं सबसे युवा सांसद का रेकॉर्ड बना चुके दुष्यंत चौटाला के बारे में ...
3 अप्रैल 1988 को हुआ था दुष्यंत चौटाला का जन्म
दुष्यंत चौटाला का जन्म 3 अप्रैल 1988 को अजय चौटाला और नैना चौटाला के घर हुआ था, दुष्यंत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पोते हैं और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) से निष्कासित होने के बाद उन्होंने 9 दिसंबर, 2018 को जेजेपी का गठन किया था।
यह पढ़ें: Haryana Election Results 2019: लालू के दामाद ने भी दर्ज की जीत, परिवार में जश्न
दुष्यंत और दिग्विजय को आईएनएलडी से निकाल दिया गया था
दुष्यंत चौटाला के परदादा और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल 'ताऊ' के नाम से चर्चित थे, उनके बेटे हैं ओम प्रकाश चौटाला, जिनके दो बेटे अजय चौटाला और अभय चौटाल हैं, अजय चौटाला के दो बेटे दुष्यंत और दिग्विजय हैं तो वहीं अभय चौटाला के दो बेटे करण और अरूण हैं, लेकिन सत्ता पर काबिज होने का सपना और पार्टी पर हूकूमत की वजह से अजय और अभय दोनों के बीच टकराव उत्पन्न हुआ और विवाद इस कदर बढ़ गया कि अजय सिंह चौटाला के बेटों, दुष्यंत और दिग्विजय को नंवबर में आईएनएलडी से निकाल दिया गया था।
अपने अपमान को दुष्यंत ने बनाई अपनी ताकत
अजय चौटाला चाहते थे कि उनके बेटे और हिसार से सांसद दुष्यंत को सीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए, जबकि अभय चौटाला इसके लिए बिल्कुल सहमत नहीं थे, इस अपमान को दुष्यंत चौटाला ने अपनी ताकत बना ली और आज परिणाम सबके सामने है।
दस महीने में तीसरा चुनाव
दुष्यंत की पार्टी ने बीते दस महीने में तीसरा चुनाव लड़ा है। पहले जींद उपचुनाव लड़ा, उसके बाद लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव में पूरी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। जींद और लोकसभा चुनाव जजपा-आप ने मिलकर लड़ा था।
'लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड' में दर्ज है दुष्यंत चौटाला का नाम
दुष्यंत चौटाला जेजेपी के अध्यक्ष और संस्थापक हैं। 16वीं लोकसभा में वह हिसार निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे, 2014 के लोकसभा चुनाव में चौटाला ने हरियाणा जनहित कांग्रेस (भजनलाल) के कुलदीप बिश्नोई पर जीत हासिल की थी। इसके बाद उनका नाम 'लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड' में दर्ज किया गया।
हाथ में है सत्ता की चाबी?
हरियाणा
चुनाव
में
किंग
मेकर
के
रूप
में
साबित
होने
वाले
दुष्यंत
के
हाथ
में
ही
अब
सत्ता
की
चाबी
है,
ऐसी
खबरें
हैं
कि
कांग्रेस
ने
उन्हें
राज्य
का
मुख्यमंत्री
बनाने
का
ऑफर
दिया
है,
JJP
के
पास
10
सीटें
हैं,अगर
वो
बीजेपी
के
साथ
आती
है
तो
आसानी
से
सरकार
बन
सकती
है,
देखते
हैं
दुष्ंयत,
पंजे
या
कमल
किसके
साथ
जाना
पसंद
करते
हैं।