गुजरात राज्यसभा चुनाव: बीजेपी ने तीनों सीटों पर लगाया जोर, पटेल का भाग्य अधर में
गांधीनगर। गुजरात में तीन सीटों के लिए आज राज्यसभा चुनाव होने जा रहा है। बीजेपी ने इन तीनों सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया है। बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बलवंत सिंह राजपूत उम्मीदवार हैं। वहीं, कांग्रेस की तरफ से पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव से पहले अहमद पटेल को लगा झटका
राज्यसभा चुनाव के लिए गुजरात में इन तीन सीटों पर चार उम्मीदवारों के होने से चुनाव और ज्यादा दिलचस्प हो गया है। अहमद पटेल को जहां अपनी जीत पर पूरा भरोसा है, वहीं सोमवार शाम होते-होते एनसीपी ने भी बीजेपी उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपुत को समर्थन देने का ऐलान कर, कांग्रेस को झटका दे दिया। कांग्रेस अब तक एनसीपी को अपना सपोर्टिव मानकर चल रही थी।
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बेंगलुरु से लौटे कांग्रेस विधायक
अहमद पटेल को राज्यसभा पहुंचने के लिए अभी भी 45 एमएलए का सपोर्ट चाहिए लेकिन 6 विधायक के बागी होने के बाद अब सिर्फ 44 बचे हैं। इस बीच वोटिंग से एक दिन पहले कांग्रेस के सभी विधायक सोमवार गुजरात पहुंच गए हैं, जिन्हें 29 जुलाई को बेंगलुरु के निकट एक रिसोर्ट में ठहराया गया था। हालांकि अहमद पटेल ने अपने विधायकों से बात की है और उन्हें लगता है कि पार्टी के सभी विधायक उन्हें सपोर्ट करेंगे।
वाघेला का एक वोट पलटेगा पासा
शंकर सिंह वाघेला जो कांग्रेस छोड़ चुके हैं लेकिन इनका एक वोट मंगलवार को बहुत मायने रखेगा। पार्टी छोड़ने के बाद वाघेला ने कहा था कि उनका वोट पटेल के लिए है लेकिन चुनाव से बिल्कुल एक दिन पहले 'मेरा वोट सिक्रेट' कहकर सभी को चौंका दिया है। इस बीच आपको बता दें कि बलवंत सिंह राजपूत जो कि बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार हैं, वे शंकर सिंह वाघेला के समधी भी है और अगर वाघेला का एक वोट अपने समधी को चला जाए तो इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए।
तीसरी सीट पर बीजेपी की राह आसान नहीं
बीजेपी जहां गुजरात में अपने दो सीट पक्की मान कर चल रही है, वहीं तीसरी सीट पर बलवंत सिंह के लिए राह इतनी आसान नहीं होने वाली है क्योंकि यहां जीत दर्ज करने के लिए अभी भी 14 वोट की जरूरत है। बीजेपी के सीनियर लीडर भुपेंद्र यादव मानते हैं कि तीनों सीटों पर बीजेपी अपन परचम लहरा रही है। आपको बता दें कि जुलाई में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के 11 विधायकों ने एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट किया था।