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गुजरात का वो गांव जहां 1983 से चुनाव प्रचार के लिए नहीं घुस पाई एक भी पार्टी, फिर कैसे 100% लोग डालते हैं वोट

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Gujarat assembly elections 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्‍य गुजरात में विधानसभा चुनावी संग्राम छिड़ा हुआ है। शहरों, कस्‍बों गालियों और गांवों में चुनाव प्रचार को भोपू जोर-शोर से बज रहा है। वहीं गुजरात के राजकोट का एक गांव राज समधियाला ऐसा गांव है जहां बिलकुल सन्‍नाटा पसरा हुआ है। यहां एक भी पार्टी चुनाव प्रचार के लिए नजर नहीं आ रही। आइए जानते हैं कि क्‍यों चुनावी शोर-गुल से बचा है ये गांव?

चुनाव प्रचार पर है पूरी तरह से पाबंदी

चुनाव प्रचार पर है पूरी तरह से पाबंदी

दरअसल, राजकोट के इस गांव में अपना खुद का कानून चलता है। इस गांव मं राजनीतिक पार्टियों और ना ही किसी भी पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार करने के लिए एंट्री नहीं दी जाती है। यहां चुनाव प्रचार पर पूर्ण रूप से पाबंदी गांव वालों ने लगा रखी है लकिन यहां के लोग हर चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। शत प्रतिशत वोटिंग होती है।

जानिए ऐसा क्‍यों बनाया गया है ये नियम

जानिए ऐसा क्‍यों बनाया गया है ये नियम

गांव वालों का मानना है कि गांव में पार्टी के चुनावी कैंडीडेट को प्रचार करने की परमीशन देना गांव के लिए हित में नहीं होगा। इससे गांव के लोगों में आपस में राजनीतिक प्रतिद्विता आ जाएगी।

लगाया जाता है जुर्माना, इसलिए होती है 100 प्रतिशत वोटिंग

लगाया जाता है जुर्माना, इसलिए होती है 100 प्रतिशत वोटिंग

इस गांव में भले ही चुनाव प्रचार पर पूर्ण रूप से पाबंदी है लेकिन यहां पर वोट देने को लेकर सख्‍त नियम है। जो भी मतदाता मतदान के दिन वोट नहीं देता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। ये जुर्माना प्रति वोटर 51 रुपये है। ये नियम यहां की ग्राम विकास समिति (वीडीसी) ने बनाए है जिसे हर हाल में यहां के नागरिकों को पालन करना होता है। यहीं कारण है कि यहां 100 प्रतिशत मतदान होता है। अगर कोई वोट डालने में असमर्थ है तो उेसे पहले से समिति को कारण समेत सूचित करना होता है। यहां तक वोट ना डालने समेत अन्‍य चीजों को लेकर यहां नियम है जिसका पालन ना करने पर जुर्माना वसूला जाता है।

इस डर से गांव में कोई प्रचार के लिए नहीं करता एंट्री

इस डर से गांव में कोई प्रचार के लिए नहीं करता एंट्री

955 मतदाता वाले इस गांव के सरपंच के अनुसार राजनीतिक पार्टियों को गांव में चुनाव प्रचार के लिए एंट्री ना देने का नियम 1983 से लागू है। गांव वालों द्वारा बनाए गए नियम तोड़ने की हिम्‍मत किसी भी राजनीतिक पार्टी के उम्‍मीदवार की नहीं होती क्‍योंकि उस भय होता है कि अगर वो इस गांव में आएंगे तो अपना वोट गवां देंगे।

सरपंच भी सर्वसम्‍मति से चुना जाता है

सरपंच भी सर्वसम्‍मति से चुना जाता है

आपको ये भी जानकर ताज्‍जुब होगा कि यहां सरपंच के लिए चुनाव नहीं होता यहां सरपंच हर बार सर्वसम्‍मत्ति से चुना जाता है। 1700 आबादी वाले इस गांव में एक कमेटी बनाई गई है। जिसके निर्णयों और नियमों को यहां के नागरिकों से सख्‍ती से मानना पड़ता है।

अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस है ये गांव

अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस है ये गांव

राज समाधियाला गांव जहां के लोग अपनी मर्जी से मतदान करते हैं। उन्‍हें किसी पार्टी विशेष को वोट देने के मजबूर नहीं किया जाता है, ये गांव हर अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस है। गांव लोगों के प्रयास से यहां लोगों के पीने के पानी के लिए आरो प्‍लांट लगा है, वाईफा , 24 घंटे बिजली आती है और सुरक्षा के लिए जगह-जगह पर सीसीटी कैमरा भी लगा हुआ है।

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English summary
Gujarat village where not a single party could enter for election campaign since 1983, know how 100 percent voting happens
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