अब मोबाइल चोरी की टेंशन खत्म, मोदी सरकार ने लॉन्च किया चोरों को पकड़ने वाला पोर्टल
नई दिल्ली। अगर आपका मोबाइल चोरी हो जाए या कहीं गुम जाए तो उसे दोबारा हासिल करना मुश्किल हो जाता है। वहीं, मोबाइल फोन को लेकर चिंता ये भी लगी रहती है कि कहीं कोई इसका गलत इस्तेमाल ना कर ले। हालांकि, अब इस परेशानी से आपको राहत मिल सकती है। चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को ढूंढने के लिए दूरसंचार विभाग ने नई व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके तहत मोबाइल पाने वाले व्यक्ति के सिम-कार्ड बदल देने के बाद भी फोन में किसी टेलीकॉम कंपनी का नेटवर्क नहीं आएगा।
मोदी सरकार ने लॉन्च किया बेव पोर्टल
इसका मतलब, अगर गलत हाथों में फोन चला गया है तो वह चाहकर भी आपके फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस नई व्यवस्था से जुड़ा वेब पोर्टल www.ceir.gov.in लॉन्च किया है। इस पर लोग मोबाइल फोन चोरी या गुम होने की शिकायत दर्ज कराएंगे। सरकार ने सफल ट्रायल के बाद महाराष्ट्र में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया है। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता की समीक्षा करने के बाद दो-तीन महीने में इसे देशभर में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
मोबाइल चोरों को लगाएगा पता
सभी मोबाइल फोन में एक IMEI नंबर होता है, जिसका उपयोग उनकी पहचान करने के लिए किया जाता है। चूंकि, IMEI रिप्रोग्रामेबल है इसलिए कुछ जालसाज IMEI नंबर को रिप्रोग्राम कर देते हैं। इस तरीके के कई मामले सामने आ चुके हैं। अगर ऐसे में IMEI नंबर ब्लॉक कर दिया जाए, तो क्लोनिंग की वजह से कई यूजर परेशान हो सकते हैं। इन्हीं सब चीजों को देखते हुए दूरसंचार विभाग ने नया वेब पोर्टल लॉन्च किया है।
कैसे दर्ज होगी शिकायत?
यदि आपका मोबाइल फोन चोरी या गुम हो जाता है, तो आपको पहले पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी होगी और फिर DoT को एक हेल्पलाइन नंबर 14422 के माध्यम से इसके बारे में सूचित करना होगा। वेरिफिकेशन के बाद, DoT फोन को ब्लैकलिस्ट कर देगा, इसे ब्लॉक कर देगा। इसके अलावा, अगर कोई भी दूसरे सिम का प्रयोग करके मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की कोशिश करता है, तो सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) उसकी पहचान करेगा और तुरंत पुलिस को सूचित करेगा। DoT साल 2017 से इस पर काम कर रहा है और विभाग के पास साल 2017 से सभी IMEI नंबर का डेटाबेस है।