योगी ने कहा- आपको भरोसा दिलाता हूं, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
नई दिल्ली। गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। आज दिमागी बुखार से एक और 4 साल के बच्चे की मौत हो गई है। पिछले 3 दिन में ही मौत का आंकड़ा 68 तक पहुंच गया है।
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- योगी आदित्यनाथ बोले- जांच कमेटी की रिपोर्ट आने दीजिए। आपको भरोसा दिलाता हूं, अगर किसी की भी लापरवाही से पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं भी किसी की जान गई, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
- सीएम योगी ने कहा- जिन लोगों की संवेदना मर चुकी है, अब वह इस संवेदनशील मुद्दे को उठाकर लोगों के दर्द पर नमक छिड़कना चाहते हैं।
- योगी ने कहा- जब गुलाम नबी आजाद केन्द्रीय स्वास्थ्यय मंत्री थे तो वह यहां आए थे और कहा था कि हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं यह राज्य का मामला है।
- बच्चों की मौत पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, उन बच्चों के लिए मुझसे अधिक संवेदना किसी और के अंदर नहीं हो सकती है।
- बाद में मीडिया को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम भी इस घटना से चिंतित हैं और उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
- पीएम ने स्वास्थ्य मंत्री को गोरखपुर भेजा है-सीएम योगी
- पूरे मामले की जांच आवश्यक है-सीएम योगी
- इस दौरान मीडिया द्वारा सवाल करने पर सीएम ने पत्रकारों से कहा कि कुछ तो शर्म करो।
- इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना था कि बच्चे ऑक्सीजन की वजह से नहीं बल्कि गंदगी और बीमारियों से मरे।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी सीएम योगी के साथ अस्पताल पहुंचे हैं।
- इसी बीच पीके जैन को BRD अस्पताल का प्रिसिंपल नियुक्त किया गया है।
- इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंच गए हैं।
राजबब्बर ने साधा निशाना
जहां ओर उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल पहुंचे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से राजबब्बर ने उन पर तगड़ा हमला किया है। राजबब्बर ने कहा है- आप क्या जांच करोगे? आपने ने पहले ही बोल दिया है कि बच्चों की मौतें ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई हैं। वहीं दूसरी ओर, सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से 63 लोगों की मौत होना आपराधिक लापरवाही है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है यह साफ किया जाना चाहिए।
क्या
है
मामला?
शुक्रवार
को
यह
खबर
सामने
आई
कि
करीब
48
घंटे
के
अंदर
ही
बीआरडी
अस्पताल
में
ऑक्सीजन
सिलेंडर
की
कमी
की
वजह
से
करीब
30
बच्चों
की
मौत
हो
गई
है।
7
अगस्त
से
11
अगस्त
के
बीच
यानी
5
दिनों
में
अस्पताल
में
करीब
60
मौतें
हो
चुकी
हैं।
यहां
चौंकाने
वाली
बात
है
कि
अस्पताल
को
सिलेंडर
सप्लाई
करने
वाली
कंपनी
पुष्पा
सेल्स
ने
बकाया
भुगतान
न
करने
पर
सिलेंडर
सप्लाई
रोके
जाने
के
लिए
पहले
ही
पत्र
भेजकर
सूचना
दे
दी
थी,
लेकिन
उसके
बावजूद
अस्पताल
ने
कोई
कदम
नहीं
उठाया।