एंड्रॉयड यूजर्स के लिए अलर्ट: Google ने प्ले स्टोर से हटाए 2000 से ज्यादा ऐप, आपके लिए ये एडवाइजरी
नई दिल्ली: अगर आप एंड्रॉयड फोन यूज करते हैं तो आपके लिए एक बड़ी खबर है। गूगल ने इंडिया के प्ले स्टोर (ऐप डाउनलोडिंग सेंटर) से 2000 से ज्यादा ऐप को डिलीट कर दिया है। साथ ही अपने यूजर्स के लिए एडवाइजरी जारी की है कि अगर वो इन ऐप्स का यूज करते हैं तो सावधान हो जाएं। गूगल के मुताबिक उनके नियमों को ना मानने की वजह से ये कार्रवाई की गई है। आने वाले दिनों में वो अन्य गैरजिम्मेदाराना ऐप्स पर कार्रवाई करेंगे।
यूजर्स को देते थे गलत जानकारी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से जून तक इंडिया प्ले स्टोर से 2000 से ज्यादा ऐप्स को हटाया गया है। ये ऐप्स ऑनलाइन लोन प्रदान करते थे। गूगल ने अपनी जांच में पाया कि वो ग्राहकों तक गलत जानकारी पहुंचते और फिर उनका शोषण करते। कुछ ऐप्स तो संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए गए।
सीनियर डायरेक्टर ने कही ये बात
मामले में एशिया पैसिफिक में गूगल के सीनियर डायरेक्टर और हेड ऑफ ट्रस्ट एंड सेफ्टी साकेश मित्रा ने कहा कि उनकी कंपनी प्ले स्टोर पर लोन ऑफर करने वाले ऐप्स को लिस्ट करने के लिए सख्त नीतियां लाने की प्रक्रिया में है। उनकी कंपनी भारत के कानून का पालन करती है और उसकी पहली प्राथमिकता यूजर्स की सेफ्टी है। अभी 2000 से ज्यादा ऐप्स को हटाया गया है। इन ऐप्स पर कार्रवाई इनपुट और पॉलिसी उल्लंघन, डिसक्लोजर की कमी और गलत जानकारी देने के मामले में की गई।
कोरोना के बाद से बढ़ी डिमांड
आपको बता दें कि जब 2020 में कोरोना महामारी आई तो बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी नौकरियां या आमदनी के अन्य साधन गंवाए। इसके बाद इंस्टेंट लोन ऐप्स की डिमांड बढ़ गई। ये लोन कंपनियां चंद मिनटों में आपको बिना ज्यादा दस्तावेज के लोन दे देती हैं, लेकिन बाद में वो लोगों से लेट पेमेंट जैसे बहाने बनाकर तगड़ा ब्याज लेती हैं। इससे तंग आकर कई लोगों ने अपनी जान दे दी, तब सरकार और आरबीआई ने इस पर कदम उठाने शुरू किए।
ऐसे सामने आया था मामला
इससे जुड़े एक घोटाले में हैदराबाद पुलिस ने दिसंबर 2020 में बड़ी कार्रवाई की थी, तब जाकर देश का ध्यान इस मुद्दे पर गया। उस दौरान 423 करोड़ रुपये रखने वाले 75 बैंक खातों को सील किया गया था। जांच करने पर पता चला कि वो ऐप के जाल में फंसाकर लोगों से 35 प्रतिशत तक ब्याज वसूलते थे। ये लोन ऐप्स पैसा नहीं देने पर लोगों को बदनाम करते हैं। साथ ही उनको लगातार ब्लैकमेल भी करते रहते हैं।