Google Doodle: आज ही हुई थी कवि कमला दास की विवादित आत्मकथा 'माई स्टोरी' रिलीज
गूगल ने आज दिग्गज कवि और लेखक कमला दास को डूडल के जरिये सम्मान दिया है। केरल में जन्मीं कमला दास ने देश में महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दे पर काफी लिखा। संपादक पिता और कवि मां के कारण दास की रूचि लेखन में रही।
नई दिल्ली। गूगल ने आज दिग्गज कवि और लेखक कमला दास को डूडल के जरिये सम्मान दिया है। केरल में जन्मीं कमला दास ने देश में महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दे पर काफी लिखा। संपादक पिता और कवि मां के कारण दास की रूचि लेखन में रही। उन्होंने 15 साल की उम्र से ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। आज ही के दिन साल 1976 में उन्होंने अपनी आत्मकथा 'माई स्टोरी' रिलीज की थी।
कमला दास का जन्म केरल के त्रिचूर जिले में 31 मार्च, 1934 को हुआ था। उनके पिता वीएम नायर मलयाली अखबार मातृभूमि अखबार के संपादक थे और मां नलापत बालामणि अम्मा जानीं-मानी मलयाली कवि थीं। कवि के गुण उन्होंने अपनी मां से ही लिए। उनके नाना भी अपने जमाने के मशहूर लेखक रहे थे। उनके लेखन को चुनने के पीछे इन दो लोगों का बड़ा हाथ रहा।
कमला दास की शादी काफी कम उम्र में कर दी गई थी। मात्र 15 साल की उम्र में वो एक बैंकर माधव दास की पत्नी बन गईं जिन्होंने उन्हें आगे लिखने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद कमला अंग्रेजी और मलयाली में लिखने लगीं और अपना लेखन उन्होंने पब्लिश भी किया। उनकी आत्मकथा 'माई स्टोरी' ने उन्हें खूब पहचान दिलाई। आज ही के दिन साल 1976 में उनकी आत्मकथा पब्लिश हुई थी जिसपर पूरे देश में काफी बवाल भी हुआ। इस किताब में जैसे उन्होंने सभी कुछ उकेर दिया था। 'माई स्टोरी' ने उन्हें जितनी ख्याति दिलाई उतना ही विवाद भी हुआ।
कमला दास को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सम्मान मिला। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से लेकर वयलॉर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 1999 में 65 वर्ष की उम्र में उन्होंने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपना लिया। इसके 10 साल बाद 31 मई, 2009 को पुणे में कमला दास ने अपनी आखिरी सांसे लीं।
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