नहर में सफाई कर रहे श्रमिकों को मिले गुप्तकालीन सोने के सिक्के
लखनऊ। कानपुर देहात के अटिया-रायपुर में नहर की गाद निकाले जाने के दौरान खजाना मिला है। बताया जा रहा है कि सफाई के दौरान श्रमिकों के हाथ लगे सोने के सिक्के गुप्तकालीन हैं। सिक्के के एक तरफ मां लक्ष्मी और दूसरी ओर चंदग्रुप्त द्वितीय का चित्र बना हुआ है। ये खजाना मिट्टी के बर्तन में रखा मिला। सिक्के सबसे पहले श्रमिक मुनेश सिंह के हाथ लगे, इसके बाद उसने दूसरे साथियों को इस बारे में जानकारी दी। उस वक्त तो मुनेश ने सुनार को सिक्के दिखाने का बहाना बनाकर सभी सिक्के अपने पास रख लिए, लेकिन ज्यादा देर तक श्रमिक शांत नहीं रह सके और आखिरकार विवाद की भनक पुलिस को लग ही गई।
एक सिक्का सुनार को बेचने के बाद शुरू हुआ विवाद
जानकारी के मुताबिक, यह मामला शनिवार का है, जब श्रमिक नहर से गाद निकाल रहे थे। इसी दौरान मुनेश को एक मिट्टी का बर्तन मिला। फावड़े से बर्तन को तोड़ा तो उसे पीले रंग कुछ चमकते सिक्के दिखे। मनेश ने साथ काम कर रहे शिव, प्रेम कुमार और श्याम को सिक्कों के बारे में बताया और सुनार को दिखाने की बात कहकर सभी सिक्के रख लिए। इसके बाद मुनेश रसूलाबाद में सुनार की दुकान पर गया। सुनार ने देखा कि सिक्का सोने का है तो उसने मुनेश को 21000 रुपए एक सिक्के के दे दिए।
पुलिस ने श्रमिकों के पास 5 सिक्के कब्जे में लिए
अगले दिन बाकी श्रमिकों ने जब सिक्कों के बारे में पूछा तो मुनेश उन्हें टालने लगा। मुनेश की आनाकानी के बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने श्रमिकों से चार और सुनार के पास बेचा एक मतलब पांच सिक्के कब्जे में लिए। एसडीएम परवेज अहमद ने बताया कि ये सिक्के गुप्तकालीन लग रहे हैं। सिक्कों के बारे में और जानकारी के लिए पुरातत्व विभाग से संपर्क किया गया। पुलिस ने कहा कि सिक्के श्रमिकों को मिले हैं, इसलिए उनका पूरा प्रयास है कि पुरातत्व विभाग से इन लोगों को इनाम दिलाया जाए।
तीन सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की पद्मासन आकृति
जानकारी के मुताबिक, तीन सिक्कों में एक तरफ देवी लक्ष्मी की पद्मासन आकृति है, जबकि दूसरी ओर चंद्रगुप्त द्वितीय की आकृति है। दो सिक्कों में घोड़े पर सवार चंद्रगुप्त द्वितीय की आकृति है और दूसरी ओर धनुष-बाण लिए हुए एक आकृति है। सिक्के पर देवी लक्ष्मी का होना गुप्तकालीन होने की ओर स्पष्ट करता है। 2016 में राजस्थान में भी गुप्तकालीन सिक्कों के मिलने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। शुरुआत में तो पुलिस इसे अफवाह मानकर टालती रही, लेकिन पता चला कि मामला गंभीर है।
टोंक जिले के मालपुरा स्थित जानकीपुरा गांव की दबडिया नाडी से खुदाई में कुछ महीनों से गुप्तकालीन सोने के सिक्के मिलने की बात सोशल मीडिया पर छाई हुई थी, 6 दिसम्बर को पहला सिक्का बरामद होते ही पुलिस को अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ। जांच में पता चला है कई ग्रामीण करीब 8-8 ग्राम के इन सोने के सिक्कों को दो-दो लाख रुपए में बेच भी चुके हैं। बाद में पुलिस ने ऐसे 36 सोने के सिक्के बरामद किए।
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