मंदिर में दर्शन के चलते पूरी दुनिया में फैला बिजनेस, अब बिजनेसमैन ने 700 करोड़ दिया दान
नई दिल्ली। केरल के कोच्चि स्थित चोट्टानिकारा मंदिर के मंदिर के नवीनीकरण के लिए गोल्ड व्यापारी ने हाथ बढ़ाया है। गोल्ड व्यापारी ने मंदिर के नवीनीकरण के लिए 700 करोड़ रुपए दान देने का ऐलान किया है। मंदिर को अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल बनाने के लिए गन्नाश्रवण ने मंदिर को 700 करोड़ रुपए के दान का ऐलान किया है। बता दें कि गनाश्रवण बिजनेसमैन हैं और अपने गुरू के कहने पर ही उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना करना शुरू किया था, मंदिर में पूजा-अर्चना की वजह से उनका बिजनेस काफी बढ़ गया, जिसके बाद ईश्वर का शुक्रिया अदा करने के लिए गन्नाश्रवण ने मंदिर के नवीनीकरण के लिए इतना बड़ा दान देने का ऐलान किया है।
सोने का गर्भगृह बनवाएंगे
गन्नाश्रवण ने कहा कि मेरा बिजनेस काफी बढ़ गया और पूरी दुनिया में यह फैल गया। मेरा मानना है कि अम्मा के आशीर्वाद से ही मेरी किस्मत पलट गई। लिहाजा मैंने फैसला लिया है कि मैं अपनी कमाई का एक हिस्सा मंदिर के विकास में लगाऊंगा। गन्नाश्रवण ने मंदिर के गर्भगृह को सोनी की परत का बनाने का ऐलान किया है। इसके अलावा मंदिर के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर विशालकाय गोपुरम लगाया जाएगा।
500 बेड का मल्टिस्पेशिएलिटी अस्पताल बनेगा
मंदिर के नवीनीकरण में 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जबकि बाकी की राशि को एक सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल, गेस्ट हाउस, ऑडिटोरियम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, पानी की सप्लाई स्कीम और सड़क चौड़ी करने पर खर्च किया जाएगा। गन्नाश्रवण ने बताया कि चोट्टानिकारा में 500 बेड का सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल बनवाया जाएगा, जहां पर हर किसी का मुफ्त में इलाज होगा फिर वह चाहे किसी भी धर्म के हो। हम 7 गेस्ट हाउस बनाने की योजना बना रहे हैं जहां हर गेस्ट हाउस में 300 कमरे होंगे और एक वीआईपीए गेस्ट हाउस होगा। 200 लोगों की क्षमता वाला ओल्ड एज हाउस होगा, 5000 लोगों की क्षमता वाला अनाथालय बनाया जाएगा, हम तिरुपति की ही तरह चोट्टानिकारा को अंतरराष्ट्रीय तीर्थ स्थल बनाएंगे।
6 वर्ष में तैयार होगा पूरा प्रोजेक्ट
मंदिर के पास कुंड का भी नवीनीकरण किया जाएगा, इसके अलावा एक अन्नदानम हॉल बनाया जाएगा जहां लोगों को मुफ्त में खाना खिलाया जाएगा, जिसपर 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस पूरे काम को गन्नाश्रवण की कंपनी पूरा कराएगी। इसके लइए स्वामीजी ग्रुप और कोचीन देवास्वोम बोर्ड का साझा खाता खोला जाएगा और हर चरण के लिए पैसे का भुगतान इसके जरिए ही किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो सीबीडी एक चीफ इंजीनियर को काम की देखरेख के लिए नियुक्त करेगी। जानकारी के अनुसार यह काम जनवरी 2021 में शुरू होगा और छह वर्ष में पूरा होगा।