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जब अस्पताल में मनोहर पर्रिकर ने आखिरी फाइल पर किए थे हस्ताक्षर..

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नई दिल्ली। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अपनी सादगी और काम के लिए हमेशा लोगों की चहेते बने रहे। जिस तरह से कैंसर की लड़ाई के दौरान भी वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहे, उसने उन्हें लोगों को उनका और भी मुरीद बना दिया था। मनोहर पर्रिकर जीवन की आखिरी सांस तक लोगों की सेवा करना चाहते थे और उन्होंने ऐसा करते हुए ही दुनिया को अलविदा कहा। कैंसर की वजह से जब पर्रिकर का देहांत हुआ तो खुद गोवा के मंत्री विश्वजी राणे ने कहा मनोहर पर्रिकर जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता है।

काम को लेकर बहुत समर्पित

काम को लेकर बहुत समर्पित

राणे मनोहर पर्किर के साथ बिताए गए पलों को याद करते हुए उनके साथ की कुछ यादें साझा की। उन्होंने कहा कि पर्रिकर जी की तबीयत बहुत खराब थी, उनकी नाक में ट्यूब लगी थी, बावजूद इसके उन्होंने काम करना बंद नहीं किया। लेकिन सच कहूं तो मैं कभी भी काम के प्रति उनके समर्पण को नहीं समझ पाया। जब मैं उन्हें मिलने के लिए अस्पताल गया तो मुझे इस बात का अंदाजा हुआ कि पर्रिकर जी काम को लेकर किस हद तक समर्पित हैं।

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आखिरी फाइल पर हस्ताक्षर

आखिरी फाइल पर हस्ताक्षर

गोवा के मंत्री ने कहा कि जब पर्रिकर जी से मिलने के लिए मैं अस्पताल गया तो अपने साथ फाइल लेकर गया था, जिसपर पर्रिकर जी के हस्ताक्षर की जरूरत थी। उन्होंने मुझे दरवाजे से अंदर बुलाया और कहा कि उनके पास जो फाइल है उसपर वह हस्ताक्षर करना चाहते हैं। पर्रिकर जी ने अपना आखिरी हस्ताक्षर उसी फाइल पर किया था। उन्होंने कहा कि यह एक उदाहरण है कि कैसे भाजपा कार्यकर्ता बिना किसी स्वार्थ के लोगों के लिए लगातार काम करता है।

गरीबों के बारे में हमेशा सोचते थे

गरीबों के बारे में हमेशा सोचते थे

मनोहर पर्रिकर के साथ के स्मरण को साझा करते हुए राणे ने कहा कि जब कोई व्यक्ति मौत के इतना करीब हो तो और आप मुझे बुलाकर कहें कि मैं काम करना चाहता हूं, इससे इस बात की झलक मिलती है कि पर्रिकर जी ऐसे व्यक्ति थे जो गरीबों के बारे में सोचते थे और लोगों के लिए काम करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि पर्रिकर जी ने अंतिम समय में गोवा के लिए जो कुछ किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

आखिरी के 10 दिन में तबीयत काफी बिगड़ गई

आखिरी के 10 दिन में तबीयत काफी बिगड़ गई

हालांकि मनोहर पर्रिकर जी की तबीयत बहुत खराब थी, लेकिन उनके निधन से हम सभी बहुत चकित थे। गोवा के लोग उन्हें हमेशा याद करेंगे। गोवा की राजनीति में पर्रिकर जी के जाने से हमेशा खालीपन रहेगा। राणे ने बताया कि पर्रिकर जी हमेशा काम करने के शौकीन थे, हम सभी जिम्मेदार मंत्री हैं और उनके नेतृत्व में काम कर रहे थे। आखिरी के 10 दिन को छोड़ दें तो वह हमसे मिलने के लिए हमेशा उपलब्ध थे। आखिरी के 10 दिनों में उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद आज राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

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English summary
Goa Minister recalls when Manohar Parrikar signed his last file in the hospital.
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