गाजियाबाद: जिस मुस्लिम बच्चे की मंदिर में पानी पीने पर की गई थी पिटाई, उसे हिंदुओं ने दिल खोलकर दिया पैसा
नई दिल्ली। पिछले दिनों गाजियाबाद के डासना में मुस्लिम बच्चे की पिटाई का वीडियो सामने आया जिसने पूरे सोशल मीडिया को हिलाकर रख दिया था। बच्चे की गलती यह थी कि वह पानी पीने के लिए मंदिर में चला गया था। बस इसी बात को लेकर बच्चे को बुरी तरह पीटा गया था। वीडियो की खासियत थी कि इसे चोरी से या किसी और ने बनाकर नहीं भेज दिया। ये वीडियो खुद पीटने वाले ने बनाया था। जब वीडियो सामने आया तो मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक हर कोई बच्चे के बारे में जानने की कोशिश करने लगा। इस बीच बच्चे की मदद करने के लिए भी हाथ बढ़े और उसके लिए पैसे जुटाने का अभियान एक शख्स ने शुरू किया। बच्चे को मदद की इस मुहिम के बाद जो तस्वीर सामने आई है वह चौंकाने वाली है।
क्या था पूरा मामला ?
पहले आइए पूरा मामला समझते हैं। गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर है। इसी मंदिर में कुछ दिन पहले एक घटना हुई जिसमें एक बच्चे को पीटा गया था। इसका बकायदा वीडियो भी बनाया गया। वीडियो की शुरुआत में एक शख्स को बच्चे को पकड़कर उसका नाम पूछता है। बच्चा अपना नाम बताता है। इसके बाद उस शख्स ने पूछा कि बच्चा किसलिए मंदिर में आया था। बच्चा कहता है कि वह पानी पीने आया था। बस इसके बाद वह शख्स बच्चे को बेरहमी से पीटने लगता है।
वीडियो सामने आने के बाद लोग जिसने भी इसे देखा हिल गया। लोग यकीन ही नहीं कर पा रहे थे कि बच्चे को सिर्फ पानी पीने के लिए कौन पीट सकता है ? मामला सुर्खियों में फैला तो पुलिस सक्रिय हुई और आरोपी युवक को पकड़ा गया जिसकी पहचान शृंगीनंदन यादव के रूप में हुई।
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बेहद ही गरीब परिवार से है बच्चा
शृंगीनंदन इसी मंदिर से जुड़ा हुआ है जिसके महंत हैं यतिनरसिंहानंद। वैसे कुछ लोग इसी सोशल मीडिया पर इस घटना को सही भी ठहराने की कोशिश करते नजर आए। खैर विवाद आप सबको पता ही है इसलिए हम उस पर ज्यादा चर्चा न करते हुए आते हैं आज के मुद्दे पर।
दरअसल वीडियो सामने आने के बाद जब बच्चे की पहचान होनी शुरू हुई तो पता चला कि उसका घर मंदिर से दो किमी की दूरी पर है। उसके पिता मजदूरी करते हैं और पत्नी और सात बच्चों के साथ किसी तरह एक किराये के मकान में गुजारा कर रहे हैं। बच्चे की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी मिलने पर कुछ लोगों ने उसकी मदद करने के बारे में बात करने लगे। कई लोगों ने बच्चे का नाम पता और उसके परिजनों का एकाउंट नंबर भी मांगा ताकि उसके परिवार की मदद की जा सके।
मदद के लिए शुरू हुई थी ऑनलाइन मुहिम
सोशल मीडिया पर लोगों को देखकर मोहम्मद जुबैर ने तय किया कि वह बच्चे की मदद के लिए पैसे जुटाएंगे। उन्होंने इसके लिए ऑनलाइन धन जुटाने का अभियान शुरू किया। जुबैर ने इसके लिए ऑनलाइन फंडिंग जुटाने वाली वेबसाइट केट्टो (ketto) की मदद ली और बच्चे के लिए 10 लाख रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा। केट्टो पर फंड जुटाने के लिए संदेश में जुबैर ने लिखा बच्चे के साथ जो घटना हुई है उसके चलते मानवता की तरफ से उसका विश्वास हिल गया है।
10 लाख रुपये के इस लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है और यह कैम्पेन शनिवार को बंद हो गया है। लेकिन इस कैम्पेन ने एक हैरान करने वाली तस्वीर भी सामने पेश की है। जो कि सबको दिखाई जा रही हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत की तस्वीर से बिल्कुल अलग है। जिस मुस्लिम बच्चे को मंदिर में पानी पीने के नाम पर पीटा गया जब उसे मदद की बारी आई तो सबसे ज्यादा पैसा देने वालों में हिंदू आगे थे।
दानवीरों में हिंदू सबसे आगे
केट्टो की वेबसाइट पर ही इन दानवीरों की लिस्ट लगी हुई है। इसमें दाहिनी तरफ टॉप डोनर्स की लिस्ट भी लगी है। इसमें जिस दानवीन ने सबसे ज्यादा मदद की है उनका नाम राज ओबेरॉय है। दूसरे नंबर पर अमित बेहरे का नाम है। यही नहीं इसमें जो 5 टॉप डोनर्स दिख रहे हैं नाम से वो सभी हिंदू ही नजर आ रहे हैं।
इस डोनेशन की लिस्ट देखने के बाद तो ये समझ में आ रहा है कि भले ही लोग कितना भी हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई चौड़ी करने की कोशिश करते रहे लोगों के दिलों में इंसानियत जिंदा है। जब बात किसी पीड़ित की मदद की हो तो लोग मजहब, जाति, संप्रदाय न देखकर सिर्फ पीड़ित देखते हैं।