Pics: भगदड़ से कुछ घंटों पहले तक थी गांधी मैदान पर दशहरा की रौनक
पटना। शुक्रवार को पटना के गांधी मैदान पर दशहरा के मौके पर मची भगदड़ ने पूरे देश को हैरान करके रख दिया है।
इस घटना के बाद से ही पटना के प्रशासन के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जिस गांधी मैदान पर शाम को मची भगदड़ ने लोगों के लिए त्योहार के माहौल को मातम में बदल दिया, उसी गांधी मैदान पर घटना के चंद मिनटों पहले तक लोग दशहरा की रौनक में खोए हुए थे।
कुछ ऐसी थी दश्ाहरा की रौनक
भगदड़ से पहले गांधी मैदान पर कुछ इस तरह से था दशहरा का माहौल। तस्वीर देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने लोगों की भीड़ गांधी मैदान पर विजयदशमी के मौके पर मौजूद थी।
जीतन राम मांझी गायब
सबसे ज्यादा सवाल बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर उठ रहे हैं। मांझी घटना के समय पटना में ही नहीं थे। सिर्फ वह ही नहीं उनके कैबिनेट के बाकी मंत्री भी हादसे के समय मौजूद नहीं थे।
एक अफवाह ने मचा दिया कोहराम
गांधी मैदान दशहरे की रौनक को एक अफवाह ने मातम में बदल दिया। मैदान पर अचानक ही तार गिरने की अफवाह फैली और उसने पूरे मैदान की नजारा देखते ही देखते बदल दिया।
अपनों की तलाश में लोग
भगदड़ के बाद हर तरफ बच चीख पुकार ही मची हुई थी और लोग अपनोें की तलाश कर रहे थे।
पिछले वर्ष यहीं हुए थे सीरियल ब्लास्ट्स
पटना का गांधी मैदान ही वह जगह है जहां पर पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट्स हुए थे। हालांकि उस समय मैदान पर ब्लास्ट्स के बावजूद भगदड़ जैसा कोई हादसा नहीं हुआ था।
100 लोग हैं घायल
इस घटना में जहां 33 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं 100 लोग घायल है। घटना में मारे गए लोगों को केंद्र सरकार की ओर से दो लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।