गलवान-दौलत-श्योक-रेजांग: ITBP ने अपने dog squad के 17 नए सदस्यों को लद्दाख के मोर्चे वाले नाम क्यों दिए
नई दिल्ली- आईटीबीपी(ITBP) ने अपने डॉग स्क्वॉड (dog squad) के 17 नए सदस्यों के नाम चुन-चुन कर लद्दाख के उन मोर्चों के नाम पर रखे हैं, जो बीते महीनों में चीन के साथ संघर्ष की वजह से सुर्खियों में आए हैं। मसलन, आईटीबीपी के डॉग स्क्वॉड के कुछ नए सदस्यों के नाम हैं- गलवान,दौलत,श्योक और रेजांग। ये सारी वही जगहें हैं, जो चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेख (LAC) से सटे हैं और चीन के सैनिकों के साथ तनाव की वजह से इस साल अप्रैल-मई से ही सुर्खियों में आते रहे हैं। डॉग स्क्वॉड को ये नाम देने के लिए आटीबीपी के नेशनल ट्रेनिंग सेंटर में आज एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
डॉग स्क्वॉड के 17 नए सदस्यों में लद्दाख के मोर्चों की याद
आईटीबीपी (ITBP)के डॉग स्क्वॉड (dog squad)के इन 17 सदस्यों को हरियाणा (Haryana) के पंचकुला (Panchkula) स्थित उसके नेशनल ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित विशेष नामांकण समारोह में आज उनके नए नामों वाली पहचान दी गई है। ये सारे मैलिनोईस पप्स (malinois pups) दो महीने पहले ही गाला (पिता) और ओलगा और ओलिशिया माताओं (दोनों बहनें) से पैदा हुए हैं। ये भी पहली बार हुआ है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के के9 डॉग स्क्वॉड(K9 dog squad) ने अपने पप्स ( pups) को देसी और देश के रणनीतिक तौर पर अहम मोर्चों के नाम देने का प्रचलन शुरू किया है।
लद्दाख के इन मोर्चों पर जवानों ने अपना पराक्रम दिखाया है
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के के9 डॉग स्क्वॉड(K9 dog squad)ने गलवान,दौलत,श्योक और रेजांग के अलावा इनके जो नाम दिए हैं, वो इस प्रकार हैं- आ-नेला, ससोमा, सिरिजाप, चिप-चाप, सासेर, चार्डिंग, सुल्तान-चुस्कू, इमिस, रांगो, युला, मुखपरी, चुंग-थुंग और खार्दुंगी। गौरतलब है कि इस साल 15-16 जून की रात चीन की सेना ने धोखे से गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर हमला बोल दिया था, जिसमें एक कर्नल समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, भारत की जवाबी कार्रवाई में चीन को उससे भी ज्यादा नुकसान पहुंचने की इंटरनेशनल रिपोर्ट्स भी मौजूद हैं। फिर चीन ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भी भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसका जवाब पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर मिला और चीन आजतक उस झटके से बाहर नहीं निकल पाया है।
सभी नाम सामरिक तौर पर हैं महत्वपूर्ण
इन नामों में दौलत का मतलब रणनीतिक तौर पर अहम दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldie) सेक्टर से है और रेजांग का मतलब रेजांग ला (Rezang La)से है जो पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) के दक्षिणी भाग का इलाका है। यहीं पर भारत ने रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण चोटियों पर अगस्त महीने से कब्जा कर रखा है और पैंगोंग का उत्तरी इलाके में भी भारतीय सैनिकों की आसानी से नजर पहुंच रही है। मुखपरी भी उसी के पास है और यहां भी भारत लाभदायक स्थिति में है और चीन के महत्वपूर्ण ठिकानें भारतीय सेना की जद में आ चुके हैं। श्योक (Shyok) का मतलब उस नदी से है, जो गलवान घाटी से होकर गुजरती है और उसी के नजदीक दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनीं संघर्ष हुआ था। वहीं समोसा नुबरा घाटी (Nubra Valley) में है, जहां भारत सामरिक नजरिए से सासेर दर्रे की ओर सड़क बना रहा है।
सरहद की रक्षा करने वाले सैनिकों के सम्मान में नाम-ITBP
आईटीबीपी के प्रवक्ता 2IC विवेक पांडे ने कहा है, 'पप्स को देश की बेहद कठिन सरहदों की रक्षा करने वाले सभी सैनिकों के सम्मान के रूप में नामित किया गया है। इन छोटे के9 जवानों को 100% देसी नाम देकर और वो भी उस इलाके का जिसकी यह फोर्स रखवाली करती है, आजादी के बाद पहली बार हो रहा है कि देश का के9 विंग अपनी विरासत और अपने स्वभाव को स्वीकार करेगा। इस पहल से सेसार, ओलगा और एलिजाबेथ (बेट्टी, लिजा) जैसे नामों से बुलाने की बजाय आईटीबीपी डॉग हैंडलर्स अब गर्व से उस नाम से पुकारेंगे जो उनके रगों में बहता है, जो हिमालय के उन इलाकों के नाम पर हैं, जिस उच्च इलाकों की वह रक्षा कर रहे हैं। '
ब्रिटिश प्रभाव बाहर निकलने की कोशिश
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इसका एक मकसद यह भी है कि इसके जरिए भारतीय सशस्त्र बलों को औपनिवेशिक हैंगओवर से बाहर करना है। उनके मुताबिक, 'डॉग्स को अंग्रेजी नाम देने की परंपरा ब्रिटिश काल से है। सशस्त्र बलों ने कभी भी इसके भारतीयकरण का नहीं सोचा। 'आईटीबीपी की योजना है कि अगले बैच को इसके उन दूसरे मोर्चों का नाम दिया जाएगा, जिसकी रक्षा में वह काराकोरम से लेकर जेचाप ला तक 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात हैं।
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