जानिए कैसे दिल्ली में भड़की हिंसा, जिसने 7 लोगों की ले ली जान, दर्जनों लोग हो गए घायल
नई दिल्ली। देश की राजधानी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल समेत 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि तकरीबन 50 लोग इसमे घायल हो चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी, गाड़ियों, पेट्रोल पंप को आग को आग के हवाले कर दिया और जमकर पत्थरबाजी की। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। यह हिंसा सोमवार को जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास, भजनपुरा आदि इलाके में भड़की थी। इस हिंसा के बाद सुरक्षाकर्मियो ने फ्लैगमार्च किया और तमाम इलाकों में निषेधाज्ञा को लागू कर दिया गया ताकि स्थिति को काबू में लाया जा सके।
7 की मौत, 50 घायल
दिल्ली में सोमवार को स्थिति काफी बिगड़ गई थी, हालांकि काफी मशक्कत के बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई थी, लेकिन तबतक तकरीबन 50 लोग घायल हो चुके थे। रात में एक बार फिर से मौजपुर और अन्य इलाकों में पत्थरबाजी की खबर सामने आई थी। दरअसल यह पूरी वारदात उस वक्त शुरू हुई जब नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। 22 फरवरी की रात तकरीबन 10.30 बजे इस पूरी घटना की शुरुआत हुई थी।
22 फरवरी को जाफराबाद में प्रदर्शन
22 फरवरी की रात 10.30 बजे कई प्रदर्शनकारी जिसमे महिलाएं भी शामिल थीं वह बड़ी संख्या में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के करीब इकट्ठा इकट्ठा हो गईं। दरअसल भीम आर्मी द्वारा पूरे देश में भारत बंद का आह्वाहन किया गया था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह चांद बाग से राज घाट तक पैदल मार्च करेंगे। 23 फरवरी की सुबह 9 बजे वरिष्ठ अधिकारियों ने इन प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वह इलाके को खाली कर दें क्योंकि इसकी वजह से ट्रैफिक बाधित हो रहा है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि राजघाट तक मार्च करने की अनुमति नहीं है।
कपिल मिश्रा ने समर्थकों से इकट्ठा होने के लिए कहा
23 फरवरी की दोपहर 12 बजे सोशल मीडिया पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने प्रदर्शनकारियों को बड़ी संख्या में मौजपुर चौक पर दोपहर 3 बजे इकट्ठा होने के लिए कहा ताकि जाफराबाद में सड़क बंद करने वालों को जवाब दिया जा सके। जिसके बाद कपिल मिश्रा ने भड़काऊ भाषण दिया, उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हमसे जाफराबाद की ओर नहीं जाने के लिए कहा है। इसके साथ ही कपिल मिश्रा ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया। लेकिन तभी तकरीबन 4 बजे के आसपास बाबरपुर में प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे लोगों पर मौजपुर चौक में मंदिर के पास पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।
पत्थरबाजी के बाद बिगड़े हालात
पत्थर फेंकने के बाद मौजपुर, करावल नगर, मौजपुर चौक, बाबरपुर और चांदबाग में हिंसा भड़क गई। जिसके बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पत्थरबाजी की और इन इलाकों में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया। रात 8.30 बजे तक दोबारा हिंसा शुरू होने से पहले तक शांति थी। लेकिन तकरीबन 9 बजे करावल नगर, चांद बाग, बाबरपुर और मौजपुर में फिर से हिंसा भड़क गई, प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और दुकानों को फूंक दिया।
24 फरवरी को उग्र हो गए प्रदर्शनकारी
अगले दिन 24 फरवरी को भी प्रदर्शनकारियों का उत्पात जारी था। सीएए का विरोध कर रहे और समर्थन करने वालों के बीच जमकर नारेबाजी शुरू हो गई और ये लोग जाफराबाद से हटने के लिए तैयार नहीं थे। दोपहर तकरीबन 12 बजे से 1.30 बजे के बीच बाबरपुर में फिर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। प्रदर्शनकारी मास्क पहनकर हाथ में तलवार लेकर पुलिस से भिड़ गए। तमाम पैरामिलिट्री फोर्स को मौके पर बुला लिया गया। यही नहीं करावल नगर, खेरपुर चौक, गोकुलपुरी में भी इसी तरह की झड़प होने लगी। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने जारी रखें। इस बीच करदमपुरी में दोपहर 1 बजे भारी पत्थरबाजी शुरू हो गई थी।
दिनभर चला उत्पात
कई गाड़ियों, बसों और घरों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की। एक पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो गई, जबकि डीसीपी घायल हो गए। दिल्ली के तमाम इलाकों में हिंसा की खबरें आने लगीं। करदमपुरी में भी लोगों ने जमकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। शाम को 7 से 9 बजे के बीच गोकुलपुरी टायर मार्केट में लोगों ने आगजनी की और पास के स्कूल में भी तोड़फोड़ की गई। घोड़ा चौक और मौजपुर में भी दंगे भड़क गए। वहीं हिंसा के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की और हालात पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
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