मुंबई की झुग्गियों में यौन उत्पीड़न का शिकार हुई शाहीना अत्तरवाला, आज हैं माइक्रोसॉफ्ट में मैनेजर
मुंबई, जनवरी 28। मायानगरी मुंबई में बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास दरगा गली झुग्गी मोहल्ले में अपना बचपन जीने वाली शाहीना अत्तरवाला की कामयाबी की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। झुग्गी-झोपड़ी की जिंदगी से निकल शाहीना अब आलिशान अपार्टमेंट में पहुंच गई हैं और ये सबकुछ हो पाया है, उनकी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से। शाहीना पेशे से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में प्रोडक्ट डिजाइन मैनेजर हैं और आज उन लड़कियों के लिए एक उदाहरण हैं, जो कठिनाईयों से बिना घबराए जीवन में कुछ कर गुजरने की मंशा रखती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल शाहीना अत्तरवाला की कहानी
आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर शाहीना अत्तरवाला का एक ट्विटर थ्रेड वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी में पले-बढ़े अपने अनुभव के बारे में शेयर किया है। शाहीना ने नेटफ्लिक्स सीरीज में उनके पुराने घर को देखने के बाद माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारी को समय पर वापस ले लिया गया था। शाहीना ने ट्विटर पर पोस्ट में लिखा है, "नेटफ्लिक्स सीरीज 'बैड बॉय बिलियनेयर्स: इंडिया" बॉम्बे में झुग्गी-झोपड़ियों के एक मुश्किल दृश्य को दिखाया गया है, जहां मैं 2015 में अपने जीवन का निर्माण करने के लिए अकेले बाहर जाने से पहले बड़ी हुई थी। तस्वीरों में आप जिन घरों को देख रहे हैं, उनमें से एक हमारा है।"
झुग्गी-झोपड़ी का जीवन था कठिन- शाहीना
NDTV को दिए एक इंटरव्यू में शाहीना ने अपनी जीवन की कठिनाईयों का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि झुग्गी-झोपड़ी वाले माहौल में उन्होंने बहुत अधिक संघर्ष किया। शाहीना बताती हैं कि झुग्गी-झोपड़ी में जीवन मुश्किल था और इसने मुझे सबसे गंभीर जीवन स्थितियों, लिंग पूर्वाग्रह और यौन उत्पीड़न जैसी चुनौतियों से रूबरू कराया, लेकिन इसके बावजूद भी मैंने सीखने और जीवन में कुछ अलग करने के लक्ष्य को अपनी मंजिल बनाए रखा।
कंप्यूटर से था लगाव
इंटरव्यू में शाहीना ने बताया है कि जब वो झुग्गी में रहती थीं तो उन्हें उस वक्त से ही कंप्यूटर से बड़ा लगाव था, लेकिन मेरा मानना था कि कंप्यूटर एक महान स्तर का हो सकता है, जो कोई भी इसके सामने बैठा होगा, उसके पास अवसर होंगे। शाहीना का कहना है कि वो उस वक्त कंप्यूटर क्लासेस लेना चाहती थीं, लेकिन उनके हाथ में सुई का काम थमा दिया जाता था, लेकिन उन्हें वो स्वीकार नहीं था और उन्होंने उसी वक्त टेक्नोलॉजी में करियर बनाने का सपना देखा।
कंप्यूटर खरीदने के लिए छोड़ा था एक वक्त का खाना
शाहीना ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए अपने पिता को पैसे उधार लेने के लिए मजबूर किया, ताकि को कंप्यूटर क्लास में दाखिला ले सके। अपना कंप्यूटर लेने के लिए शाहीना ने एक वक्त का खाना भी छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी लगने के बाद शाहीना ने नवंबर 2021 में अपने परिवार के लिए एक अपार्टमेंट खरीदा है। शाहीना आज उन युवा लड़कियों के लिए एक मिसाल हैं, जो उन्हें अपना आदर्श मानती हैं।
In 2021 my family moved to an apartment where we can see the sky from home, good sunlight & ventilation. Surrounded by birds & Greenery. From my father being a hawker & sleeping on roads to having a life, we could barely dream of. Luck, Hardwork & picking battles that matter😌 pic.twitter.com/J2Ws2i4ffA
— Shaheena Attarwala شاہینہ (@RuthlessUx) January 26, 2022