एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपे जाने पर बोले सिंधिया, 69 साल पहले एयरलाइन का राष्ट्रीकरण था गलत कदम
एयर इंडिया को टाटा ग्रुप को सौंपे जाने पर बोले सिंधिया, 69 साल पहले एयरलाइन का राष्ट्रीकरण था गलत कदम
नई दिल्ली, 28 जनवरी: एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपे जाने पर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि ये प्राइवेट सेक्टर की ही थी और इसको वापस सौंप दिया गया है। सिंधिया ने 69 साल पहले एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश की काफी लंबी प्रक्रिया थी, जिसमें करीब 20 साल लगे। यह 69 साल पुराने इतिहास को भी दिखाता है जो एक एयरलाइन के राष्ट्रीयकरण के गलत कदम से शुरू किया गया। ये एयरलाइन वास्तव में निजी क्षेत्र से संबंधित थी और अब यह निजी क्षेत्र में वापस जा रही है।
सिंधिया ने कहा, इस विनिवेश से आम नागरिक को सुविधाएं बढ़ेंगी। मुझे विश्वास है कि टाटा का घराना जिसने नागर विमानन की शुरुआत की थी, वही टाटा का घराना एयर इंडिया में वही फुर्ती लाएगा। एयर इंडिया दोबारा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी भारत का झंडा जरूर ऊंचा करेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिसे पिछले 14 वर्षों में एयर इंडिया को 85,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, एक दिन में करीब 20 करोड़ का घाटा एयर लाइन को हो रहा था। अब इस पैसे का उपयोग किसी दूसरे काम में किया जा सकता है।
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सिंधिया ने आगे कहा, मुझे लगता है कि यह सरकार, टाटा समूह और सभी संबंधित हितधारकों के लिए फायदे का सौदा है। ये नागरिक उड्डयन क्षेत्र की क्षमताओं में एक बड़ी उछाल को भी दिखाता है। बता दें कि 69 साल बाद एयर इंडिया को निजी हाथों में सौंप दिया गया है। अब ये एयरलाइन अपने संस्थापक टाटा समूह की हो गई है। सरकार ने दो दशकों की कोशिशों के बाद अपनी प्रमुख राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेच दिया है। जेआरडी टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी। 1953 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया था।
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