फ्रांस ने पाकिस्तानी पायलटों को राफेल का प्रशिक्षण देने की खबर को बताया 'फेक न्यूज'
नई दिल्ली। जिस राफेल विमान को लेकर देश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है उसी को लेकर अब एक और खुलासा हुआ है। ऐसी खबरें सामने आईं थीं कि, एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान के पायलटों को कतर एयरफोर्स की ओर से राफेल फाइटर प्लेन को उड़ाने की ट्रेनिंग फ्रांस में दी गई है, जिसे फरवरी में ही कतर को सौंपा गया है। अब इस मामले पर फ्रांस सरकार की ओर से सफाई आई है। फ्रांस ने इन खबरें को फेक बताया है।
अलेक्जेंडर जिग्लर ने उस मीडिया को रिपोर्ट को फर्जी बताया
इस तरह की खबरें सामने आने के बाद भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जिग्लर ने उस मीडिया को रिपोर्ट को फर्जी बताया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलटों को राफेल जेट उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा, मैं दावा करता हूं कि यह एक फेक न्यूज है। बता दें कि इससे पहले एविऐशन सेक्टर एक वेबसाइट ainonline.com की ओर से दावा किया गया था कि कतर एयरफोर्स की ओर से पाकिस्तानी पायलटों को फ्रांस में राफेल उड़ने की ट्रेनिंग दी गई है।
|
वेबसाइट ainonline.com में छपी थी इससे जुड़ी खबर
वेबसाइट ainonline.com में छपी खबर में कहा गया था कि, एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पाकिस्तानी पायलटों के पहले बैच को कतर एयरफोर्स की ओऱ से नवंबर 2017 में ट्रेनिंग दी गई थी। फ्रांस के मॉन्ट-डे-मार्सान में 1 अक्टूबर 2017 को पहला कतर राफेल स्क्वाड्रन स्थापित किया गया था। कई दशकों पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को मध्य पूर्व के देशों की सेनाओं में संचालन के लिए भेजा जाता रहा है। इसके अलावा पाक को सेना से जुड़े सामानों की आपूर्ति भी इन देशों से होती है।
कतर अपने देश में पाक सेना को देता रहा है प्रशिक्षण
बता दें कि इससे पहले जनवरी 2018 में एक पाकिस्तानी समाचार पोर्टल ने कतर एयर फोर्स के कमांडर की पाकिस्तानी वायुसेना मुख्यालय के दौरे की सूचना प्रकाशित की थी। उसने यह भी लिखा कि पाकिस्तान के वायुसेना प्रमुख ने कथित तौर पर कतर के कमांडर को विमानन और सैन्य प्रशिक्षण के क्षेत्र में समर्थन और सहयोग की पेशकश की थी।
बीजेपी सांसद ने उर्मिला मातोंडकर को लेकर दिया विवादित बयान, कहा- चेहरा देखकर राजनीति में लाया गया