हफ्ते में 4 दिन काम, PF में बढ़ोतरी..... 1 जुलाई से हो लागू हो सकते हैं नए श्रम कानून
नई दिल्ली, 10 जून: भारत में जल्द ही साप्ताहिक कार्य समय के डायनामिक में बदलाव देखने को मिल सकता है। क्योंकि केंद्र सरकार 1 जुलाई, 2022 यानी अगले महीने से नए श्रम कानूनों को लागू करने की योजना बना रही है। यदि नए श्रम कानून लागू होते हैं, तो कर्मचारी के ईपीएफ योगदान, कार्यालय के काम के घंटे और टेक होम सैलरी में भारी बदलाव आएगा। केंद्र सरकार चार नए लेवर कोड को डिजाइन करने पर काम कर रही है।
कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे
न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, यदि नए श्रम कानून लागू होते हैं, तो इन नए लेवर कोड के तहत क कर्मचारी के कार्यालय के काम के घंटों, उसके ईपीएफ योगदान और घर ले जाने के वेतन से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। केंद्र सरकार इन कानूनों को जल्द से जल्द लागू करना चाहती है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार अगले महीने से लागू करने की योजना बना रही है, हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।
नए लेवर कोड से होगें ये बड़े बदलाव
नया नियम लागू होने के बाद कंपनियों के कर्मचारियों को हफ्ते में तीन छुट्टी मिल सकेगी। हालांकि, यह एक कीमत पर मिलेंगी। हालांकि नए लेवर कोड यह नहीं बताते हैं कि साप्ताहिक कार्य समय में कमी होगी। इसलिए, कर्मचारियों को अगर चार दिन काम करने होगा तो उनके वार्किंग आवर्स में बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकते हैं। कार्मचारियों को प्रति दिन 10 से 12 घंटे काम करने के लिए कहा जा सकता है। नए श्रम कानूनों के प्रावधानों के अनुसार शेष तीन दिनों के लिए साप्ताहिक अवकाश मिलेगा। नए लेवर कोड में हर दिन के काम के घंटे के साथ अधिकतम ओवरटाइम के घंटे को भी निर्धारित किया गया है। पहले इसकी लिमिट 50 घंटे रखी गई थी जिसे बढ़ाकर 125 घंटे कर दिया गया है। यह एक क्वार्टर यानी कि 7 दिन के लिए है। इससे कंपनियों को राहत मिलेगी क्योंकि वे हफ्ते में 4 दिन काम करा सकती हैं और वीकेंड पर अन्य वर्कर्स से काम ले सकती हैं।
छुट्टियों के नियम में बड़े बदलाव हो सकते हैं
नए लेबर कोड में छुट्टियों के नियम में बड़े बदलाव किए गए हैं। अब जरूरी शर्त को 240 दिन से घटाकर 180 दिन कर दिया गया है। इसका मतलब हुआ कि मौजूदा समय में 240 दिन की ड्यूटी करने के बाद ही कोई नया कर्मचारी छुट्टियों के लिए अप्लाई कर सकता है। नए लेबर कोड में इस अवधि को घटाकर 180 दिन कर दिया गया है। अगर कोई नया कर्मचारी 180 दिन की ड्यूटी कर लेता है, तो वह छुट्टी अप्लाई करने का हकदार होगा। हालांकि 'लीव अर्न्ड' (छुट्टी से कमाई) के नियम को जस का तस रखा गया है। हर 20 दिन की ड्यूटी पर एक अर्न्ड लीव मिला करेगा।
पीएफ में भी होगा बड़ा बदलाव
एक और बड़ा बदलाव जो यह नए कानूनों से आने जा रहा है, वह है टेक होम सैलरी और कर्मचारियों और नियोक्ता के भविष्य निधि में योगदान का अनुपात। नए कोड के प्रावधान के अनुसार कर्मचारी का मूल वेतन सकल वेतन का 50 प्रतिशत होना चाहिए। इसका मतलब यह होगा कि कर्मचारी और नियोक्ता के पीएफ योगदान में वृद्धि होगी। कुछ कर्मचारियों के लिए टेक होम वेतन कम हो जाएगा, खासकर निजी फर्मों में काम करने वालों के लिए।
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फ्रॉम होम स्ट्रक्चर को भी मान्यता मिल सकती है
नए मसौदा नियमों के प्रावधानों के तहत सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि के साथ-साथ ग्रेच्युटी की राशि में भी इजाफा होगा। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन जीने में सक्षम बनाना है। नए श्रम कानूनों के तहत केंद्र सरकार भी किसी कंपनी में अपने कार्यकाल के दौरान एक कर्मचारी को मिलने वाली छुट्टी को युक्तिसंगत बनाना चाहती है। अगले वर्ष के लिए छुट्टी को आगे ले जाने और छुट्टियों के नकदीकरण की नीति को भी युक्तिसंगत बनाया जा रहा है। सरकार वर्क फ्रॉम होम स्ट्रक्चर को भी मान्यता दे रही है। केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है, 8 अगस्त, 2019 को मजदूरी संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020, और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता, 2020। अब तक 23 राज्यों ने इन संहिताओं के तहत नियम बनाए हैं, जिन्हें संसद ने पारित कर दिया है।