पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने RBI गर्वनर पटेल को दी सलाह, ना दें इन सवालों के जवाब
स्टैंडिंग कमेटी ऑफ फाइनेंस ने नोटबंदी के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल से कड़े सवाल तो पूछे लेकिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने उन्हें यह सलाह दी।
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल को उस वक्त मुश्किल का सामना करना पड़ा जब स्टैंडिंग कमेटी ऑफ फाइनेंस ने नोटबंदी के मुद्दे पर उनसे कड़े सवाल पूछे। हालांकि इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और आरबीआई के गवर्नर रह चुके मनमोहन सिंह उनका बचाव करते नजर आए। सिंह ने पटेल को उन सवाल सवालों के जवाब देने से रोका जिससे देश के सर्वोच्च बैंक के लिए बाद में मुश्किलें खड़ी हो जाए। कमेटी में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह चाहते थे कि गवर्नर पटेल, नकदी निकाले जाने पर लगी रोक के लिए मुद्दे पर स्पष्ट वाब दें और चाहते थे कि उनसे कड़े सवाल किए जाएं लेकिन मनमोहन सिंह और अन्य लोगों ने पटेल का बचाव किया। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान पटेल ने जानकारी दी कि नोटबंदी के बाद 9.2 लाख करोड़ रुपए की नई करेंसी आ चुकी है।
अध्यक्षता
कर
रहे
पूर्व
केंद्रीय
मंत्री
और
कांग्रेस
नेता
विरप्पा
मोईली
ने
आरबीआई
और
वित्त
मंत्रालय
से
500
और
1,000
रुपए
के
करेंसी
के
विमुद्रीकरण
और
उससे
पड़े
असर
पर
चर्चा
करने
के
लिए
भी
कहा।
मीटिंग
के
बाद
विपक्ष
के
एक
वरिष्ठ
सदस्य
ने
कहा
कि
पटेल
ने
हिस्सों
में
जवाब
दिया
लेकिन
मुख्य
सवालों
का
जवाब
नहीं
दिया।
कितना
रुपया
वापस
सिस्टम
में
आया
जब
बैंक
के
ऑपरेशन
सामान्य
हो
गए।
इस
से
यह
बात
सामने
के
लिए
आती
है
कि
आरबीआई
के
अधिकारी
विमुद्रीकरण
के
मुद्दे
पर
काफी
रक्षात्मक
हैं।
सूत्रों
का
कहना
है
कि
आरबीआई
गवर्नर
ने
कुछ
सवालों
का
जवाब
दिया
लेकिन
अभी
प्रक्रिया
पूरी
नहीं
हुई
है,
उन्हें
फिर
से
बुलाया
जा
सकता
है।
बता
दें
कि
नोटबंदी
के
मुद्दे
पर
खुद
मनमोहन
सिंह
सरकार
की
कड़ी
आलोचना
कर
चुके
हैं।
कहा
था
कि
नोटबंदी
के
फैसले
को
लागू
करने
के
बाद
पूरे
देश
की
जीडीपी
में
2
फीसदी
की
गिरावट
हो
सकती
है।
मनमोहन
सिंह
ने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
कहा
था
कि
वो
50
दिन
का
समय
लोगों
से
मांग
रहे
हैं।
पर
ये
50
दिन
देश
के
गरीबों
के
लिए
बहुत
हानिकारक
हो
सकते
हैं।
पूर्व
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह
ने
कहा
था
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
पूरी
दुनिया
में
उस
देश
का
नाम
बताएं,
जहां
लोग
अपना
पैसा
तो
जमा
बैंकों
में
जमा
कर
देते
हैं
पर
उस
पैसे
को
ही
नहीं
निकाल
पा
रहे।
मनमोहन
सिंह
ने
कहा
था
कि
बैंकिग
सिस्टम
में
लोगों
का
विश्वास
कमजोर
हुआ
है।
विमुद्रीकरण
के
फैसले
को
लागू
करने
के
बाद
60-65
लोग
अपनी
जान
गंवा
चुके
हैं।
मनमोहन
सिंह
ने
कहा
था
कि
नोटबंदी
से
लोगों
को
बेहद
परेशानी,
इसपर
ध्यान
देने
की
जरूरत
है।
उन्होंने
कहा
था
कि
इस
देश
में
ग्रामीण
इलाकों
में
सबसे
ज्यादा
कोऑपरेटिव
बैंक
है
जो
लोगों
की
मदद
करते
हैं।
पर
विमुद्रीकरण
के
बाद
ये
बैंक
काम
ही
नहीं
कर
रहे
हैं।
पूर्व
प्रधानमंत्री
मनमोहन
सिंह
ने
उन
लोगों
पर
तंज
कसते
हुए
कहा
था
कि
कुछ
लोग
कह
रहे
हैं
कि
लंबे
समय
में
इसका
फायदा
होगा।
उन्होंने
कोट
करते
हुए
कहा
कि
लंबे
समय
में
हम
सब
मर
चुके
होंगे।
ये
भी
पढ़ें:
मनमोहन
सिंह
ने
पीएम
मोदी
से
पूछा-बताएं
उस
देश
का
नाम,
जहां
बैंक
से
लोग
अपना
पैसा
नहीं
निकाल
पाते?