महिला कुली की कहानी सुनकर भावुक हो गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, किया सम्मानित
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने-अपने क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाली 112 महिलाओं को सम्मानित किया। सानिया मिर्जा, ऐश्वर्या राय बच्चन और पीवी सिंधू जैसे कई बड़े नाम इस लिस्ट में शामिल थे, लेकिन एक नाम ऐसा भी था जो कोई बड़ा सेलिब्रिटी तो नहीं था, लेकिन उसकी कहानी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी भावुक कर दिया। राष्ट्रपति राजस्थान की महिला कुली मंजू की कहानी सुनकर भावुक हो उठे।
महिला कुली की कहानी सुनकर भावुक हुए राष्ट्रपति
मंजू राजस्थान के जयपुर स्टेशन पर यात्रियों का बोझ उटाने का काम करती है। वो जयपुर स्टेशन पर कुली का काम करती है। पति की मौत के बाद घर का और तीन बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए मंजू ने ये रास्ता चुना और कुली बन गई। मंजू के लिए ये सब आसान नहीं था। उनसे अपनी कहानी का जिक्र राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह के दौरान किया।
'30 किलो मेरा वजन और 30 किलो यात्रियों के बैग का'
मंजू ने अपनी कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि पति की मौत के बाद तीन बच्चों के पालन-पोषण के लिए मुझे कुली बनना पड़ा। उसने कहा कि मेरा वजन 30 किलोग्राम था और यात्रियों का बैग भी 30 किलोग्राम होता था, लेकिन परिवार चलाने के लिए उसे ये काम करना पड़ा। शुरुआत में काफी दिक्कतें हुईष अनपढ़ होने की वजह से वो न तो बोगी नंबर समझ पाती न कोच नंबर, लेकिन अधिकारियों ने मंजू की मदद की और 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद उसे कुली के तौर पर नियुक्त कर दिया।
मंजू के संघर्ष से प्रभावित हुए राष्ट्रपति
मंजू की कहानी सुनकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी भावुक हो उठे। राष्ट्रपति के साथ-साथ सभी लोग भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि मैं कभी इतना भावुक नहीं हुआ, जितना बेटी मंजू की कहानी सुनकर भावुक हो गया हूं। आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन में अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाली 112 महिलाओं को सम्मानित किया गया। ऐश्वर्या, सानिया मिर्जा, पीवी सिंधू जैसी बड़ी हस्तियों को इस सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया।