पीजीआई चंडीगढ़ में प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ पहला मरीज, भेजा गया घर
पीजीआई चंडीगढ़ में प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ पहला मरीज, ठीक होकर पहुंचा घर
चंडीगढ़। देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों की संख्या 3 लाख के पार हो चुकी हैं। वहीं चडीगढ़ पीजीआई के डाक्टरों को बड़ी उपलब्धि मिली हैं। यहां 60 वर्षीय कोरोना पेसेन्ट का प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया जो कि बिलकुल सफल रहा। ये चंडीगढ़ पीजीआई में पहला पेसेन्ट है जिसका इस थेरेपी से इलाज किया गया और वो स्वथ्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया।
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पीजीआई
के
चिकित्सा
विभाग
के
प्रोफेसर
पंकज
मल्होत्रा
ने
कहा
कि
पीजीआई
चंडीगढ़
कोविड
-19
पॉजिटिव
रोगियों
के
लिए
आईसीएमआर
के
राष्ट्रीय
परीक्षण
के
केंद्र
में
से
एक
है,
जिन्हें
ऑक्सीजन
थेरेपी
की
आवश्यकता
होती
है।
उन्होंने
बताया
कि
ये
60
वर्षीय
मरीज
हरियाणा
के
कुरुक्षेत्र
का
रहने
वाला
था
उसकी
रिकवरी
होने
के
बाद
शुक्रवार
को
अस्पताल
से
छुट्टी
दे
दी
गई।
उन्होंने
कहा,
"पीजीआई
को
अप्रैल
के
अंतिम
सप्ताह
में
आईसीएमआर
साइट
पर
केंद्रों
में
चुना
गया
था।
।
पहले
मरीज
ने
विगत
9.
मई
को
प्लाज्मा
दान
किया
था।
जिसके
बाद
पहला
कोरोना
मरीज
जिसे
प्लाज्मा
थेरेपी
की
आवश्यकता
थी
उसे
1
जून
को
यहां
भर्ती
कर
इस
थेरेपी
से
इलाज
शुरु
किया
गया।
कोरोना
मरीज
जिसका
इस
थेरेपी
से
इलाज
किया
गया
वो
ऑक्सीजन
थेरेपी
की
आवश्यकता
निमोनिया
के
साथ
एक
गंभीर
स्थिति
में
आया
था।
प्लाज्मा
थेरेपी
और
सहायक
देखभाल
के
बाद,
उन्हें
3
दिन
के
समय
में
ऑक्सीजन
थेरेपी
से
हटा
दिया
गया
और
धीरे-धीरे
समय
के
साथ
उनकी
स्थिति
में
सुधार
हुआ।
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) के निदेशक प्रो जगत राम ने कहा, "यह निश्चित रूप से हम सभी के लिए एक उत्साहजनक खबर है और मैं इसे सफल बनाने के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए पूरी टीम की सराहना करता हूं। चिकित्सा के बारे में विवरण देते हुए पीजीआई के डीन और एनेस्थेसिया और गहन चिकित्सा विभाग के प्रमुख प्रो जीडी पुरी, ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी के साथ ठीक होना एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि "प्लाज्मा थेरेपी से और कोरोना मरीजो का इलाज हो सके इसलिए अधिक दाताओं की आवश्यकता है। हमें कोरोना से ठीक हो चुके रोगियों और उनके रिश्तेदारों को रक्त दान करने के लिए मनाना होगा। पीजीआईएमईआर, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर रति राम शर्मा जिन्होंने इस थेरेपी से मरीज को ठीक किया उन्होंने कहा कि इस नेक काम के लिए कोरोना बीमारी से उबर चुके मरीज प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आए और उम्मीद है कि कई और लोग भी इसका अनुसरण करेंगे ताकि हम भविष्य में भी जरूरतमंद मरीजों को ये चिकित्सा दी जा सके। ,
बता दें कोरोना से स्वस्थ्य हो चुके व्यक्ति के खून से कॉन्वेसेंट प्लाज्मा को प्लाज्मा लिया जाता है ऐसी कई रिपोर्टें हैं जो बताती हैं कि यह कोरोनवायरस वायरस के शुरुआती चरणों में एक उपयोगी चिकित्सा है। प्लाज्मा थेरेपी एंटीबॉडी द्वारा काम करती है जो प्लाज्मा में मौजूद होती है। जो मरीज कोरोना से उबर चुके हैं, वे प्लाज्मा दान करने के लिए पात्र हैं, जिसे बाद में ब्लड बैंक में संग्रहित किया जाता है, जो बाद में गंभीर संक्रमण वाले रोगियों को दिया जाता है।