इंडियन रेडियो एस्ट्रोनॉमी के जनक गोविंद स्वरूप का 91 साल की उम्र में निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख
नई दिल्ली। प्रख्यात वैज्ञानिक गोविंद स्वरूप का 91 साल की उम्र में निधन हो गया है। दुनियाभर में मशहूर रेडियो एस्ट्रोनॉमी वैज्ञानिक प्रोफेसर गोविंद स्वरूप ने सोमवार रात पुणे के अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA), टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में प्रोफेसर भी रहे हैं। इसके साथ ही वह रेडियो एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में जाना माना नाम थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा है, 'प्रोफेसर गोविंद स्वरूप एक असाधारण वैज्ञानिक थे। रेडियो एस्ट्रोनॉमी विज्ञान में उनके अग्रणी कार्यों ने वैश्विक प्रशंसा प्राप्त की है। उनके निधन से दुखी हूं।' वहीं एनसीआरए की पब्लिक आउटरीच कमेटी ने ट्वीट करते हुए कहा है, 'हमें भारी दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि भारतीय रेडियो एस्ट्रोनॉमी प्रोफेसर गोविंद स्वरूप का पुणे में निधन हो गया है। उनकी विरासत उनके द्वारा बनाए गए टेलीस्कोप (#ORT और #GMRT) और उन वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के रूप में जीवित रहेगी जिन्हें उन्होंने प्रशिक्षित किया है।'
आपको बता दें गोविंद स्वरूप रेडियो एस्ट्रोनॉमी के काफी मशहूर वैज्ञानिक थे। उनका जन्म 23 मार्च, 1929 में हुआ था। दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप (Giant Metrewave Radio Telescope) में से एक जायंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप को पुणे के पास गोविंद स्वरूप ने ही स्थापित किया था। उन्होंने ऊटी में भी एक बड़े टेलीस्कोप की स्थापना की थी।
जानकारी के मुताबिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के ठाकुरवाड़ा के रहने वाले गोविंद स्वरूप ने 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी की पढ़ाई की थी। इसके बाद उन्होंने 1961 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। फिर वह भारत लौटे और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर जुड़ गए। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें भारतीय भौतिक विज्ञानी होमी भाभा ने बुलाया था। गोविंद स्वरूप को 1973 में पद्मश्री और 1972 में शांति स्वरूप भटनागर अवॉर्ड से नवाजा गया था।
पीएम
मोदी
ने
जयपुर
में
पत्रिका
गेट
का
उद्घाटन
किया,
कहा-
पर्यटकों
के
लिए
आकर्षण
का
केंद्र
बनेगा