केटीआर को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाने पर TRS में मचा परिवारिक कलह
हैदराबाद। तेलंगाना की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के भीतर पार्टी की कमान को लेकर कलह मचा हुआ है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में पार्टी पर प्रभुत्व को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश राव और केटी रामा राव (चाचा और भतीजे) के बीच परिवारिक कलह शुरू हो गया है। दोनों के बीच यह विवाद केटी रामा राव को पार्टी का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने के बाद शुरू हुआ है। दिसंबर में विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के बाद पार्टी चीफ और रामा राव के पिता केसीआर ने पार्टी की कमान उन्हें सौंप दी थी।
केसीआर द्वारा केटीआर का उत्थान राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। टीआरएस के वरिष्ठ नेताओं का कहा है कि हरीश राव, केसीआर के के भतीजे हैं और उनके भरोसेमंद रहे हैं। लेकिन हाल ही दिनों में हरीश राव के कामों से वे नाखुश हो गए हैं। हालांकि हरीश राव और केटीआर आपसी विवाद की बात को नकारते रहे हैं। नाम छिपाने की शर्त पर टीआरएस के एक नेता ने बताया कि, वे इससे खुश नहीं हैं।
नेता ने कहा कि, यह पद (वर्किंग प्रेसीडेंट) टीआरएस में कभी था ही नहीं। अब केसीआर राज्य के मुख्यमंत्री हैं लेकिन हमें यह आभास करा दिया गया है कि उनका बेटा भविष्य में कार्यभार संभालने वाला है। टीआरएस नेता ने कहा कि हरीश राव ने बहुत मेहनत की है, उनके मामा ने उन्हें जो करने के लिए कहा उन्होंने वह किया। इसलिए स्वाभाविक है कि, एक वरिष्ठ नेता के तौर पर वह खुश नहीं हैं।
2018 के चुनावों में, टीआरएस ने 119 विधानसभा सीटों में से 88 सीटें जीतीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को हराया। हरीश राव छठी बार सिद्दीपेट सीट जीत आए है। ना छुपाने की शर्त पर उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि, हरीश राव केटीआर की पदोन्नति से खुश नहीं है, लेकिन वह केसीआर के बहुत करीब हैं।
उन्होंने कहा, जब तक केसीआर है तब तक वह टीआरएस को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। अपने पहले कार्यकाल में केसीआर ने केटीआर को अधिक महत्व दिया और उन्हे आईटी, बीटी और ग्रामीण विकास मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा। हालांकि भतीजे हरीश राव को भी जल संसाधन जैसा मलाइदार महकमा दिया लेकिन उनके अधिकारों में कटौती कर दी गई।
कमलनाथ बोले, वंदे मातरम गाने के फैसले को नए रूप से करेंगे लागू