दिल्ली: नकली रेमडेसिविर बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, उत्तराखंड में चल रही थी धांधली की फैक्ट्री
नई दिल्ली, अप्रैल 30। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर तैयार करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए लोगों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उत्तराखंड में नकली रेमडेसिविर बनाने वाली फैक्ट्री भी पकड़ी है।
देश में रेमडेसिविर की भारी मांग को देखते हुए ये गैंग रेमडेसिविर इंजेक्शन की नकली डोज तैयार कर रहा था। उत्तराखंड में इस डोज को तैयार करके देश के अलग-अलग हिस्सों में इसकी सप्लाई की जा रही थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस गैंग को धर दबोचा।
नकली
ऑक्सीजन
सिलिंडर
बेचने
वाले
गिरफ्तार
एक
तरफ
जहां
नकली
रेमडेसिविर
बनाकर
बाजार
में
बेचने
के
मामले
सामने
आ
रहे
हैं
वहीं
ऑक्सीजन
सिलिंडर
के
नाम
पर
भी
धांधली
शुरू
हो
गई
है।
दिल्ली
के
द्वारका
से
पुलिस
ने
ऐसे
ही
दो
लोगों
को
गिरफ्तार
किया
है
जो
कोविड-19
से
संक्रमित
मरीजों
के
परिजनों
को
ऑक्सीजन
सिलिंडर
के
नाम
पर
आग
बुझाने
वाले
सिलिंडर
बेच
रहे
थे।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक दो संदिग्धों आशुतोष चौहान और आयुष की धोखाधड़ी के चलते दिल्ली में कोविड-19 से संक्रमित कई मरीजों की मौत हो गई।
गीता अरोड़ा पश्चिमी दिल्ली के बिंदापुर से आई थीं। उनकी दोस्त के एक रिश्तेदार को कोविड संक्रमण हुआ था। काफी कोशिशों के बाद अस्पताल में बेड नहीं मिल पाया तो उन लोगों ने उसके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की तलाश शुरू की थी। गीता अपने एक करीबी के चलते चौहान और आयुष के संपर्क में आई थीं। उसने उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर लेने के लिए उत्तम नगर मेट्रो स्टेशन के पास चलने को कहा था।
इसके लिए उनसे 10 हजार रुपये लिए और रात में सिलिंडर दे दिया गया। इस फ्रॉड का पता तब चला जब वे लोग सिलिंडर को भराने पहुंचे जहां बताया गया कि यह आग बुझाने वाला सिलिंडर है। बुधवार को गीता अरोड़ा के मरीज की मौत हो गई।
बाद में गीता ने उत्तम नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत कराई जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है।