CAUTION! 500 रुपए में बन रहे हैं फर्जी आधार कार्ड, देश की सुरक्षा से खिलवाड़
दरअसल, देश में आधार कार्ड बनाने के नाम पर कई जगह फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस बात का खुलासा समाचार चैनल आज तक के एक स्टिंग में हुआ है। आजतक की ओर से किए गए स्टिंग में खुलासा हुआ है कि 500 से 600 रुपए में ही आधार कार्ड बन जाता है।
नई दिल्ली। इन दिनों शायद ही कोई ऐसा काम हो जो बिना आधार कार्ड के होता हो। किसी बैंक, फोन, पासपोर्ट, पैन, राशन कार्ड समेत तमाम सरकारी योजनाओं में अब आधार कार्ड जरूरी है। लेकिन अगर आपके पास इनमें से कुछ ना हो और आपको आधार कार्ड मिल जाए तो क्या हो सकता है? दरअसल, देश में आधार कार्ड बनाने के नाम पर कई जगह फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस बात का खुलासा समाचार चैनल आज तक के एक स्टिंग में हुआ है। आजतक की ओर से किए गए स्टिंग में खुलासा हुआ है कि 500 से 600 रुपए में ही आधार कार्ड बन जाता है। आजतक के मुताबिक जब वो राजस्थान के जयपुर स्थित जगतपुरा पुलिया के पास एक फोटोस्टेट की दुकान पर पहुंचे तो वहां कई लोग आधार कार्ड की लाइन में लगे थे। जिनके पास आधार कार्ड बनवाने के लिए जरूरी कागजात नहीं थे, उनका भी कार्ड बन रहा है। ये काम सिर्फ 500 से 600 रुपए में हो रहा है।
सरकारी आंकड़े कहते हैं कुछ और
वहीं केंद्र सरकार के आंकड़ों की मानें तो साल 2009 से जुलाई 2017 तक UIDIAI ने आधार कार्ड जारी करने के लिए 9 हजार करोड़ रुपए खर्च कर दिए। देश में हर जगह सेंटर बनाए ताकि सभी को विशिष्ट पहचान संख्या मिल सके। लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने इस काम में पैसे के लिए होम डिलीवरी दे रहे हैं वो भी बिना किसी कागजात के।
सेंटर बंद हो गए तब भी बन रहे हैं आधार कार्ड
इतना ही नहीं जिन आधार कार्ड सेंटरों को बंद कर दिया गया, वहां अभी भी आधार कार्ड बन रहा है। इसके लिए UIDAI अधिकारियों को 50 हजार रुपए दिए गए। सरकार ने जब से तमाम सेवाओं में आधार कार्ड लागू किया है फर्जी वाड़ा उसके बाद से बढ़ने लगा।
और जब तैयार हो गए एजेंट्स
समाचार चैनल आजतक के अनुसार एजेंट्स पैसे लेकर और फर्जी कागजात से आधार कार्ड बनवाने के लिए तैयार हो गए। एजेंट फर्जी किरायानामा और शपथ पत्र बनाकर एड्रेस प्रूफ एजेंट खुद ही बनवा कर देते हैं और उसके बाद कार्ड बना देते हैं।
सिर्फ यहीं तक नहीं है फर्जीवाड़ा
आधार कार्ड बनवाने के लिए फर्जीवाड़ा सिर्फ यहीं तक नहीं है. एक ओर कुछ सेंटर बिना कागजात के आधार कार्ड बना रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ ऐसे एजेंट हैं जो घर ही पहुंच जाते हैं। इसके लिए सिर्फ थोड़ा खर्चा बढ़ जाता है।