आचार संहिता का उल्लंघन बताकर चुनाव आयोग ने मंदिर से मिटाई कमल के फूल की रंगोली
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। ऐसे में तमिलनाडू के विरुधुनगर जिले में श्रीविल्लीपुथुर मंदिर में बनी कमल के फूल की रंगोली को भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मिटा दिया गया है। दरअसल कमल का फूल भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह है। ऐसे में इसकी रंगोली को चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है। चुनाव अधिकारियों ने सफेद पेंट से इस रंगोली को ढंक दिया। मंदिर प्रशासन ने इसकी कड़ी निंदा की है।
चुनावी आचार संहिता के अनुसार किसी मंदिर या धार्मिक स्थान को चुनावी प्रोपोगांडा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। वहीं हिंदू संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए कहा कहा कि कमल मां लक्ष्मी का आसन है। जिला अधिकारियों ने इस मामले की जांच करने की बात कही है।
आचार
संहिता
के
पालन
को
लेकर
चुनाव
आयोग
काफी
सख्ती
से
काम
ले
रहा
है।
आयोग
सभी
नेताओं
की
गतिविधियों
और
सोशल
मीडिया
पर
भी
नजर
बनाए
हुए
है।
हाल
ही
में
दिल्ली
में
बीजेपी
विधायक
ओमप्रकाश
शर्मा
ने
अपने
फेसबुक
पर
विंग
कमांडर
अभिनंदन
की
तस्वीर
साझा
की
थी।
ऐसे
में
चुनाव
आयोग
ने
फेसबुक
को
निर्देश
जारी
कर
इसे
हटाने
कहा
को
कहा।
साथ
ही
मामले
में
कोर्ट
ने
ओमप्रकाश
को
भी
नोटिस
जारी
कर
दिया
है।
ऐसे
में
ओमप्रकाश
शर्मा
ने
कहा
है
कि
फेसबुक
पर
किया
गया
पोस्ट
आचार
संहिता
लागू
होने
से
पहले
का
है।
मैं
समझ
नहीं
पा
रहा
कि
चुनाव
आयोग
ऐसा
क्यों
कर
रहा
है।
बता
दें
कि
चुनाव
आयोग
ने
पहले
ही
राजनीतिक
दलों
को
सूचित
कर
दिया
था
कि
कोई
भी
पार्टी
या
नेता
अपने
बैनर
या
पोस्टर
में
सेना
के
जवान
की
तस्वीर
का
इस्तेमाल
नहीं
करेगा।
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