कांग्रेस के चुनावी गाने में चुनाव आयोग की आपत्ति, हटाई गई लाइनें
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए तमाम राजनीतिक दल अलग-अलग माध्यम अपना रहे हैं। कांग्रेस का चुनावी प्रचार का गाना अब विवादों में आ गया है। दरअसल कांग्रेस चुनावी गाने में कुछ ऐसी लाइनें थी जिसको लेकर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई है। चुनाव आयोग कांग्रेस के चुनावी गाने में कुछ लाइनों पर आपत्ति जताते हुए इन्हें गाने में हटाने के लिए कहा है। इन लाइनों में कथित रूप से सांप्रदायिक शब्द थे, जिसके बाद इन शब्दों को हटाने के लिए कहा गया है।
इस गाने में पार्टी की न्याय योजना का जिक्र किया गया है। सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग की आपत्ति के बाद पार्टी ने इन लाइनों को गाने से हटा दिया। गाने की लाइनों में एनडीए पर निशाना साधते हुए कहा गया था कि एनडीए सरकार देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रही है और लोगों के बीच नफरत पैदा कर रही है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इन लाइनों को हटाने के लिए कहा। इस चुनावी गाने में देश में बेरोजगारी, नोटबंदी, महिलाओं की सुरक्षा, जीएसटी किसानों की आत्महत्या की आदि मुद्दों को शामिल किया गया है।
कांग्रेस के चुनावी गाने में अब होगा न्याय का नारा दिया गया है। बता दें कि कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में वादा किया है कि वह देश के 20 फीसदी गरीबों को 72000 प्रति वर्ष देगी। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो देश के गरीबों के खाते में हर वर्ष 72000 रुपए देगी। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से होंगे, जबकि चुनाव के नतीजों की घोषणा 23 मई को घोषित होगी। इस बार कुल 7 चरणों में मतदान होगा, चुनाव के लिए 10 लाख पोलिंग बूथ तैयार किए गए हैं।
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