नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी बोले-भारत को एक अच्छी विपक्षी पार्टी की जरूरत
जयपुर। विश्व प्रसिद्ध जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में रविवार को नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी पहुंचे। लिटरेचर फेस्टिवल में अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भारत को एक अच्छी विपक्षी पार्टी की जरूरत है। यही नहीं अभिजीत बनर्जी ने नोबेल पुरस्कार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर वो भारत में होते तो उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया जाता।
'भारत को एक अच्छी विपक्षी पार्टी की जरूरत'
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में अभिजीत बनर्जी ने कहा कि, मुझे लगता है कि भारत को एक अच्छी विपक्षी पार्टी की जरूरत है। विपक्ष किसी भी लोकतंत्र का दिल होता है। सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है। अगर कोई अच्छा विपक्ष नहीं होता तो सरकार पर प्रेशर नहीं होता।डिस-यूनाइटेड है बहुत सारे फ्रैक्शन हैं उनमें से पता नहीं किस फ्रैक्शन को कब किसके साथ जुड़ने का मन होगा, इसलिए एक स्टेबल विपक्ष होने से एक प्रेशर होता है वो प्रेशर अभी तक नहीं बना।
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भारत में रहता तो नहीं मिलता नोबेल पुरस्कार: अभिजीत
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे नोबेल विनर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि, ऐसा नहीं है कि भारत में अच्छे टैलेंट की कमी है। लेकिन एक तरह का सिस्टम जरूरी है। उन्होंने कहा कि अकेले कोई भी कुछ नहीं कर सकता है। जिसके लिए उन्हें क्रेडिट मिला उसके पीछे कई लोगों की मेहनत जुड़ी हुई है। कोलकाता में जन्मे अभिजीत बनर्जी दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी से पासआउट हैं। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी किया। बनर्जी अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में इकनॉमिक्स पढ़ाते हैं।
गिरती अर्थव्यवस्ता पर अभिजीत बनर्जी ने जताई चिंता
गिरती अर्थव्यवस्ता पर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि, पिछले 2 महीने में हमें अर्थव्यवस्था को लेकर कुछ अच्छे संकेत मिल रहे हैं। लेकिन हमें नहीं पता कि ये कब तक जारी रहेगा। ताजा डेटा आ रहा है। फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि हम जल्द इस समस्या से बाहर निकल पाएंगे। इसमें अभी वक्त लगेगा। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे-धीरे कई चीजों पर काम करने की जरूरत है। बनर्जी ने कहा कि गरीबी कैंसर की तरह है और इससे कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इससे कई बीमारियां होती हैं। कुछ लोग शिक्षा के मामले में गरीब हैं, कुछ सेहत से गरीब हैं और कुछ पूंजी के मामले में गरीब हैं। आपको पता लगाना है कि क्या कमी रह गई है। सभी का एक तरह से समाधान नहीं किया जा सकता।
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