इन 5 राज्यों में लागू हुई इंट्रा स्टेट ई-वे बिल सेवा, GST काउंसिल हुए अहम फैसले
नई दिल्ली। 15 अप्रैल से देश के पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल सिस्टम लागू हो चुका है। जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष और बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने मंगलवार को जानकारी दी कि, सोमवार को देश में 10.31 लाख ई-वे बिल जेनरेट हुए। जिनमें से 2 लाख 60 हजार ई-वे बिल इंटरस्टेट के लिए जारी हुए। ई-वे बिल जनरेशन में 25% की वृद्धि हुई है। आगे आने वाले समय में इस आंकड़े में और सुधार देखने को मिलेगा। सुशील मोदी ने इसकी जानकारी मंगलवार को शुरू हुई जीएसटी काउंसिल की मंत्री समूह की बैठक में दी।
बिहार के उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि मीटिंग में जीएसटी रिटर्न को आसान बनाने पर चर्चा हुई। इस मीटिंग में 15 इनडायरेक्ट टैक्स एक्सपर्ट शामिल रहे। इसके साथ ही 40 इंडस्ट्री ऑर्गनाइजेशंस के साथ भी चर्चा हुई। रिटर्न पर राय के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। इस मीटिंग में कईअहम फैसलों पर चर्चा हुई। सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी 3बी फॉर्म जारी रहेगा। वहीं ई-वे बिल एसएमएस और प्रिंट आउट दोनो फॉर्मेट में मान्य होगा।
15 अप्रैल से इन राज्यों में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत के सामान की सप्लाई राज्य के अंदर भी करने पर ई-वे बिल बनाना होगा। अगर 50 हजार रुपये से ज्यादा का माल एक राज्य से दूसरे राज्य या राज्य के अंदर भी भेजा जा रहा है तो ई-वे बिल चाहिए होगा। कुछ राज्यों में अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह अनिवार्य होगा। सरकार के मुताबिक कोई भी शख्स, जो अपने सामान व वस्तु को ट्रांसपोर्ट कर रहा है, वह भी जीएसटी कॉमन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाकर ई-वे बिल जारी कर सकता है।
ई-वे बिल तभी जनरेट कर सकते हैं जब सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रड होंगे। अगर ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसका ई-वे बिल पोर्टल ewaybillgst.gov.in पर एनरॉल होना जरूरी है। इसके लिए उसके पास टैक्स एनवॉइस, बिल या डिलीवरी चालान और वस्तु व सामान ट्रांसपोर्ट कर रहे ट्रांसपोर्टर की आईडी होना जरूरी है।
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