पंजाब: यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों को समझाने पहुंचे डीएसपी की गोली लगने से मौत
छात्रों को समझा रहे डीएसपी की अपनी ही गोली से मौत
फरीदकोट। पंजाब के फरीदकोट में प्रदर्शन कर रहे यूनिवर्सिटी छात्रों को समझाने पहुंचे डीएसपी की गोली लगने मौत हो गई। बताया जा रहा है कि डीएसपी बलजिंदर सिंह संधू को उनके ही लाइसेंसी पिस्टल से गोली लगी है। आईजी मुखविंदर सिंह छीना ने इसे 'एक्सीडेंटल फायर' बताया है। उन्होंने कहा कि गलती से डीएसपी के पिस्टल से चली गोली उन्हीं को लग गई, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। गोली डीएसपी को सिर में लगी, घटना में एक पुलिसकर्मी भी घायल भी है। घटना फरीदकोट के जैतो मंडी इलाके में हुई है। यहां पंजाब यूनिवर्सिटी कॉलेज के बाहर छात्र-छात्राएं मोरल पुलिसिंग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, जिनसे मिलने डीएसपी पहुंचे थे।
मोरल पुलिसिंग रोकने की मांग कर रहे थे छात्र-छात्रा
डीएसपी की मौत को लेकर ये भी कहा जा रहा है कि लगातार समझाने के बावजूद छात्र जब शान्त नहीं हुए तो उन्होंने खुद को ही गोली मार ली। डीएसपी संधू को गोली गलती से लगी या उन्होंने आत्महत्या की, इसको लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिस वक्त वह छात्रों को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे उसी दौरान गोली चली। जिस गोली से डीएसपी की मौत हुई उसी से उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मी भी घायल है। घायल पुलिसकर्मी को गुरू गोविंद सिंह मेडिकल हॉस्पिटल फरीदकोट में भर्ती कराया गया है।
मोरल पुलिसिंग रोकने की मांग कर रहे थे छात्र-छात्राएं
फरीदकोट से 35 किलोमीटर दूर जैतो मंडी में कॉलेज स्टूडेंट मोरल पुलिसिंग की घटना के विरोध में इकट्ठा हुए थे और 'मोरल पुलिसिंग से आजादी' के नारे लगा रहे थे। छात्रों का विरोध पुलिस की कार्यशैली को लेकर था इसलिए छात्रों को समझाने के लिए डीएसपी खुद पहुंचे थे और वो प्रदर्शकारी छात्रों से बात ही कर रहे थे, जब ये हादसा हुआ।
चार दिन पहली घटना के विरोध में इकट्ठा थे छात्र
दरअसल 26 जनवरी को जैतू मंडी में एक लड़का और लड़की बस स्टैंड पर खड़े थे, तो यहां के एसएचओ गुरमीत सिंह इन दोनों को थाने ले गए और मारा-पीटा भी। इस घटना को लेकर छात्रों में गुस्सा है और ऐसे घटनाएं रोकने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे थे।
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