कोरोना से बिगड़ते हालात पर देश के दिग्गज डॉक्टरों की सलाह, कहा- रेमेडिसविर को जादू की गोली मत समझो
नई दिल्ली, अप्रैल 21: भारत में इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया हुआ है। ऐसे में देश की मौजूदा स्थिति, कोरोना संबंधित सभी मुद्दों के साथ वैक्सीन को लेकर देश के तीन बड़े डॉक्टर्स ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी-अपनी राय रखी। इस मीटिंग में दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान और नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरान मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान ने बताया कि कोरोना के इलाज में काम आने वाला रेमेडिसविर इंजेक्शन 'रामबाण' नहीं है, यह केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करता है, जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है।
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इसके साथ ही देश में ऑक्सीजन किल्लत के बारे में बोलते हुए डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि आज हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन है। अगर हम विवेकपूर्ण तरीके से इसके उपयोग की कोशिश करें तो। इसके साथ ही उन्होंने कहा 'मैं जनता को बताना चाहता हूं कि अगर आपको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो सुरक्षा कवच के रूप में इसका इस्तेमाल न करें। ऑक्सीजन की बर्बादी केवल उस व्यक्ति को वंचित करने की ओर ले जाएगी, जिसे इसकी असली आवश्यकता होगी।
वहीं एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक देश के रूप में अगर हम एक साथ काम करते हैं और ऑक्सीजन- रेमेडिसविर का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करें तो कहीं भी कोई कमी नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेमेडिसविर की जादू की गोली न समझें। कोरोना में 85 फीसदी से अधिक लोग रेमेडिसविर के बिना ठीक हो रहे हैं।
RT-PCR टेस्ट के बाद भी हो सकता है कोरोना, डॉक्टर्स दे रहे सीटी स्कैन करने की सलाह
इनके अलावा नारायण हेल्थ के चेयरमैन डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि अगर शरीर में दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे कोई लक्षण हैं तो खुद का कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। वहीं उन्होंने बताया कि अगर ऑक्सीजन लेवर 94% से ऊपर है तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर यह बाद में गिर रहा है तो आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता होगी। यह महत्वपूर्ण है कि आप सही समय पर सही उपचार प्राप्त करें।