अगर कोरोना का टीका लगने के बाद पहुंचे अस्पताल, तो इलाज का खर्चा उठाएगी बीमा कंपनी: IRDAI
नई दिल्ली। एक तो कोरोना का खौफ, ऊपर से खर्चे के डर ने आम इंसान को पूरी तरह से भयभीत कर दिया है लेकिन अब भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी कि आईआरडीएआई ने इस बारे में बड़ा कदम उठाया है। उसने ऐलान किया है कि हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाला कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना का टीका लगवाने के बाद अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके इलाज का सारा खर्चा स्वास्थ्य बीमा कंपनी उठाएगी। उसने इस बारे में एक प्रेस रिलीज भी जारी की है।
आईआरडीएआई ने कहा है कि इलाज के खर्चे को लेकर लोग भ्रमित हैं, तो हम ये बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति , जिसने हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है, कोरोना वैक्सीनेशन के कारण बीमार होता है और अस्पताल में भर्ती होता है तो हॉस्पिटेलाइजेशन हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत उसका सारा खर्चा उठाया जाएगा लेकिन इसमें टीके का खर्च शामिल नहीं है। आपको बता दें कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) शिक्षा और पॉलिसीधारकों के संरक्षण की दिशा में काम करता है। इसका मूल लक्ष्य बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन करना है। इसका मुख्यालय हैदराबाद में है।
क्या है कोरोना वायरस केस की मौजूदा स्थिति
देश में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कहीं-कहीं तो स्थिति काफी विकट है, जिसके चलते लॉकडाउन और कर्प्यू लगाने की नौबत आ गई है। मालूम हो कि बीते 24 घंटे में कोरोना के39,726 नए मामले सामने आए है और 154 लोगों की मौत हुई है, जिसके बाद देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1,15,14,331 हो गई है और मौतों का आंकड़ा 1,59,370 पहुंच गया है। भारत में कल तक कुल 3,93,39,817 लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।
वैक्सीन को लेकर भ्रम ना फैलाएं: डॉ. हर्षवर्धन
जहां एक ओर देश में तेजी से टीकाकरण का काम हो रहा है , वहीं दूसरी ओर कुछ लोग वैक्सीन को लेकर अभी भीशंकाओं में घिरे हैं। तो ऐसे लोगों से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने अपील की है कि हमेशा लोगों को साइंटिफिक डेटा पर भरोसा करना चाहिए और वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह का भ्रम ना रखें।
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