क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

#jerusalem: ट्रंप ने लिया येरुशलम पर फैसला, सबसे बड़ा सवाल-भारत किसकी तरफ है?

Google Oneindia News

नई दिल्ली । येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है, दुनिया भर से लोगों ने ट्वीट व दूसरे माध्यमों से अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले का विरोध किया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत किसकी ओर है, अमेरिका और इजरायल के साथ या फिर अरब देशों के साथ , हालांकि जिस तरह से पीएम मोदी ने इजरायल में यात्रा करके इतिहास रचा था, उससे संकेत मिले थे कि वो इजरायल संग मित्रता करने को आतुर हैं लेकिन पीएम ने मुस्लिम देशों सऊदी अरब, कतर, ओमान जैसे देशों की भी यात्राएं की है, ऐसे में उनका समर्थन किसकी ओर है, ये साफ नहीं हो पा रहा है, फिलहाल वो चुप हैं लेकिन उनकी और पूरी दुनिया नजरें गड़ाए बैठी है।

 रवीश कुमार का काफी संतुलित बयान

रवीश कुमार का काफी संतुलित बयान

हालांकि बीजेपी के फायर ब्रिगेड नेता सुब्र्हामण्यम स्वामी ने ये मांग की है कि भारत को भी अपना दूतावास येरुशलम में शिफ्ट करना चाहिए लेकिन जो ताजा बयान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार की ओर से आया है वो काफी संतुलित है, उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन को लेकर भारत का रुख स्वतंत्र एवं सतत है जो हमारे हितों एवं दृष्टिकोण के आधार पर बना है और यह किसी अन्य तीसरे देश द्वारा तय नहीं किया गया है। हालांकि उन्होंने ये भी नहीं कहा कि भारत, इजरायल के साथ नहीं हैं।

फिलहाल पीएम मोदी खामोश हैं

फिलहाल पीएम मोदी खामोश हैं

मालूम हो कि मोदी ने इजरायल यात्रा के दौरान पश्चिम एशिया की चुनौतियों का हल सतत राजनीतिक बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से निकाले जाने पर जोर देते हुए उम्मीद जतायी थी कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच व्यापक समझौता हासिल करने के लिए जल्द से जल्द फिर से वार्ता शुरू होगी। फिलहाल वो खामोश हैं लेकिन विश्व को उम्मीद है कि वो इस मसले पर काफी वक्त तक चुप नहीं रह पाएंगे।

 पश्चिम एशिया

पश्चिम एशिया

आपको बता दें कि मोदी ने पश्चिम एशिया की चुनौतियों का हल सतत राजनीतिक बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से निकाले जाने की बात कही थी, उन्होंने उम्मीद जतायी थी कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच व्यापक समझौता हासिल करने के लिए जल्द से जल्द फिर से वार्ता शुरू होगी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बुधवार को येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता प्रदान कर दी, अमेरिका येरूशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर आधिकारिक मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। ट्रंप का ये एतिहासिक फैसला काफी जोखिम भरा है क्योंकि फिलीस्तीन के साथ अमेरिका की दुश्मनी बढ़ सकती है, बावजूद इसके ट्रंप ने ये जोखिम भरा कदम उठाते हुए अपना वो वादा पूरा किया, जो कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के वक्त लोगों से किया था। लोग इस फैसले को उनके मुस्लिम विरोधी नीति का हिस्सा मान रहे हैं।

लोगों में गुस्सा

लोगों में गुस्सा

ट्रंप के विवादित फैसले के बीच, सैकड़ों फिलीस्तीन प्रदर्शनकारियों की पश्चिमी तट में इजरायली जवानों से झड़पें होने की भी खबर है तो वहीं गाजा में कार्यकर्ताओं ने ट्रंप के पोस्टर जलाए गए हैं । प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 31 फिलीस्तीन नागरिक जख्मी हो गए हैं और एक व्यक्ति की हालत गंभीर है। अरब देशों में इस फैसले को लेकर काफी गुस्सा है।

<strong></strong>Read Also: ट्रंप ने येरूशलम को बनाया इजरायल की राजधानी, जानिए खास बातेंRead Also: ट्रंप ने येरूशलम को बनाया इजरायल की राजधानी, जानिए खास बातें

Comments
English summary
India differed with the US on recognition of Jerusalem as capital of Israelone of the several instances in recent times of the two countries, whose ties are seen rapidly warming, holding different views on American policy initiatives.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X