डोकलाम गतिरोध: अगर युद्ध हुआ भी तो चीन को नहीं होगा फायदा
नई दिल्ली। बीते दो महीने से भारत चीन और भूटान की त्रिकोणीय सीमा पर स्थित डोकलाम पर चल रहे गतिरोध के दौरान रह-रह कर चीनी मीडिया की ओर से युद्ध की धमकी दी जा रही है। कभी साल 1962 का दौर याजद दिलाया जा रहा है तो कभी यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके अधिकारी, ठीक उसी तरह सही सूचना नहीं दे रहे हैं जैसे तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू को नहीं दी जा रही थी।
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हालांकि डोकलाम के मामले में अगर युद्ध होता है तो चीन को कुछ भी हासिल नहीं होगा। विशेषज्ञों की मानें तो युद्ध की स्थिति में चीन को बड़ा नुकसान होगा। वहीं चीन की ओर से की जा रही बयानबाजी के बाद भी दोनों मुल्कों के बीच बचे हुए कूटनीतिक संबंधों पर भी खतरा आ जाएगा।
भारत ने की है जैसी कार्रवाई
अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का कहना है कि डोकलाम में चीन को सड़क बनाने से रोकने के लिए भारत ने जिस तेजी से कार्रवाई की है, उससे यह साबित होता है कि भारत यहां अपनी ताकत का प्रयोग कर सकता है। इतना ही नहीं भारतीय सैना ने बागडोगरा से गुवाहाटी और सिलिगुड़ी रोड लिंक के संदर्भ में चीन की सेना को एक सुविधाजनक जगह बनाने से रोका है।
सरकारी स्तर पर मूल्यांकन के अनुसार डोकलाम या भारत-चीन सीमा पर दूसरी दिक्कतों से अगर युद्ध के हालात बनते हैं तो चीन की कोई प्रत्यक्ष फायदा नहीं मिलेगा। बता दें कि भारत-चीन की कुल सीमा 3448 किलोमीटर का बड़ा हिस्सा विवादित है। यहां अमूमन दोनों पक्षों में टकराव की आशंका रहती है। अगर बात डोकलाम करें तो यहां भारत बेहतर और फायेदमंद स्थिति में है।