सस्ते डीजल के साथ महंगी गैस का झटका
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कल डीजल की कीमतों से नियंत्रण खत्म करके जनता को काफी राहत दी है। नियंत्रण खत्म करते ही डीजल के दामों में 3.37 रुपए की कमी हो गयी है। लेकिन दूसरी तरफ गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी करके सरकार ने आम जनता की जेब पर बोझ डाला है। वहीं डीजल के दामों में कमी का प्रमुख कॉर्पोरेट कंपनियां स्वागत कर रही है।
घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी किये जाने से आम आदमी के बजट पर काफी प्रभाव पड़ने वाला है। सरकार डीजल के दामों को कम-ज्यादा करने के लिए नए फार्मूले का इस्तेमाल करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गैस कीमतों को निर्धारित करने के लिए बनाई गई कमेटी का सरकार स्वागत करती है।
रंगराजन कमेटी ने गैस की कीमतों में 4.2 डॉलर से ढ़ाकर 5.61 डॉलर, सीएनजी 2.81 और पीएनजी के दामों में 1.79 बढ़ोत्तरी का सुझाव दिया था। जिसे सरकार ने स्वीकार करते हुए एक नवंबर से लागू करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही हर छह महीने के भीतर गैसक की कीमतों को रिवाईज करने का भी फैसला लिया गया है।
केंद्र सरकार के इस फैसले से मुकेश अंबानी के रिलांयस ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। इस फैसले के चलते प्राकृतिक गैस की कीमत 4.2 डॉलर से 5.61 डॉलर कर दी है। आपको बता दें कि यूपीए सरकार में इसे 8.4 डॉलर करने का फैसला किया गया जिसपर आम आदमी पार्टी ने जमकर हंगामा खड़ा किया था।
वहीं गैस की कीमतों में हर छह महीने के बाद बदलाव का सभी तेल कंपनियों ने स्वागत किया है। वहीं मोदी सरकार ने डायरेक्ट कैश फार सब्सिडी को लोगों तक पहुंचाने का फैसला लिया है। इसके लिए कैबिनेट ने 54 जिलों में इस योजना को फिर से लांच करने के फैसले पर मुहर लगा दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि तकरीबन छह करोड़ लोगों के जन धन योजना के अंतर्गत बैंक खाते खोले गए है लिहाजा इन खातों में सीधे सब्सिडी का लाभ लोगों तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार 10 नवंबर से 1 जनवरी 2015 तक एक अभियान शुरु करेगी जिसकी मदद से लोगों के खातें सब्सिडी को पहुंचाए जाने का काम किया जाएगा।