हार के बावजूद दिल्ली के कांग्रेसी उड़ाते दावतें
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) कांग्रेसी चुनाव हारने के बाद भी निराश-हताश नहीं होते। आपस में दावतें उड़ाते हैं। दिल्ली में यही हो रहा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हारने के बाद भी कांग्रेसी नेता और कार्य़कर्याओं के चेहरे पर शिकन नहीं हैं।
अब शर्मिष्ठा मुखर्जी को ही लीजिए। वह राष्ट्रपति प्रणव कुमार मुखर्जी की पुत्री हैं। वह ग्रेटर कैलाश सीट से बुरी तरह से हारीं। पर कल उन्होंने अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को शानदार पार्टी दी। इसमें काफी संख्या में कांग्रेसी नेता मौजूद थे। खूब फोटो खींची गईं। हां, एक बात नहीं हुई। वह थी हार के कारणों की समीक्षा करना।
दिल्ली कांग्रेस के नेता राजेश डंग ने कहा कि अब चुनाव तो हो चुके हैं। अब अगर पार्टी के नेता आपस में मिल-बैठकर लें तो इसमें क्या बुराई है।
परोसा लजीज भोजन
इस बीच, विश्वास नगर सीट से हारे कांग्रेस उम्मीदवार नसीब सिंह ने भी अपने करीबी मित्रों के लिए पार्टी रखी। उधर, लक्ष्मी नगर सीट से हारे डा. अशोक वालिया ने भी मित्रों के लिए भोज का आयोजन किया। खूब लजीज भोजन परोसा गया। कहीं भी हार के काऱणों को तलाशने की चेष्टा नहीं हुई।
इस बीच, शर्मिष्ठा के बारे में पता चला है कि वह फिर से कथक के कार्यक्रम करेंगी। कथक सिखाएंगी भी। हां, राजनीति में भी एक्टिव रहेगी।सूत्रों का कहना है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने शर्मिष्ठा से कहा है कि वह एक्टिव रहे। एक हार से निराश ना हों।
कांग्रेस की एक्टिविस्ट
वह कांग्रेस की पहले से ही एक्टिविस्ट हैं। कांग्रेस के कई धरनों-प्रदर्शनों में भाग भी लेती रही हैं। वह ग्रेटर कैलाश इलाके में ही रहती हैं। यह राजधानी के सबसे एलिट इलाकों में शुमार होता है। वह आम आदमी पार्टी के सौरभ भारद्वाज से हारी हैं। सौरभ दिल्ली सरकार में मंत्री रहे हैं।
कब होगी समीक्षा
जानकारों ने बताया कि दिल्ली के दूसरे कई कांग्रेसी नेता भी हार के बावजूद अपने क्षेत्रों में भोज का आयोजन कर रहे हैं। हां, अगर वक्त मिला तो वे विधानसभा चुनावों में हार की समीक्षा भी कर लेंगे।