उत्तराखंड में डेल्टा प्लस AY-12 का पहला केस मिलने को केंद्र सरकार ने किया खारिज
भारत में कोरोना के डेल्टा प्लस AY-12 वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में सोमवार को इस वेरिएंट का पहला मामला सामने आया। पौड़ी गढ़वाल के एक छोटे से इलाके कोटद्वार में यह मामला सामने आया है।
देहरादून, 31 अगस्त। भारत में कोरोना के डेल्टा प्लस AY-12 वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में सोमवार को इस वेरिएंट का पहला मामला सामने आया। पौड़ी गढ़वाल के एक छोटे से इलाके कोटद्वार में यह मामला सामने आया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मामले के सामने आते ही आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और संबंधित रोगी को घर पर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही राज्य की स्वास्थ्य विभाग की टीम को मरीज की लगातार निगरानी करने के लिए कहा गया है। वहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि इस वेरिएंट का कोई मरीज नहीं मिला है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मरीज के संपर्क में आए उसके संबंधियों की तलाश की जा रही है और उन्हें खुद को आइसोलेट करने के लिए कहा जा रहा है। प्रशासन ने पौड़ी गढ़वाल के एंट्री प्वाइंट पर टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। जिले में कोरोना वायरस के 15 नए केस सामने आए हैं। पौड़ी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा ने कहा कि मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री को खंगाला जा रहा है और उसके संपर्क में आए परिजनों व अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है। वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सोमवार को रुद्रप्रयाग जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट का एक मामला सामने आया है, इसी के साथ डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामलों की कुल संख्या जिले में 15 हो गई है।
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क्या
है
डेल्टा
प्लस
AY-12
वेरिएंट
डेल्टा
प्लस
AY-12
वेरिएंट
दुनिया
भर
में
कहर
बरपाने
वाले
डेल्टा
वेरिएंट
का
ही
नया
उपवंश
है।
हाल
ही
में
इजरायल
में
कोरोना
के
तेजी
से
बढ़ते
मामलों
के
लिए
यही
वेरिएंट
जिम्मेदार
है।
भारत
में
बुरी
तरह
कहर
बरपाने
वाले
डेल्टा
वेरिएंट
परिवार
को
वैज्ञानिकों
ने
4
से
13
रूपों
में
विस्तारित
किया
है।
इसका
ही
एक
अन्य
उपवंश
AY.12
पुनर्वर्गीकृत
किया
जा
रहा
है।
यह
उपवंश
तकनीकी
रूप
से
दरअसल
एक
नया
वेरिएंट
ही
होता
है
लेकिन
मूल
वेरिएंट
से
निकटता
के
कारण
इसे
उपवर्ग
में
विभाजित
कर
दिया
जाता
है।
भारत
में
कोरोना
केस
पर
नजर
रखने
वाले
जीनोम
कंसोर्टियम
ने
कहा
है
चूंकि
AY.12
की
परिभाषा
अभी
स्पष्ट
नहीं
है
इसलिए
इससे
जुड़े
मामलों
की
अंतिम
संख्या
सामने
आने
में
कुछ
समय
लगेगा।