दिल्ली में कोरोना के मामलों ने तोड़ा रिकॉर्ड, 24 घंटे में दर्ज हुए 4853 नए केस
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार शाम को जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में दिल्ली में कोरोना वायरस के 4853 नए मामले सामने आए हैं जबकि इसी दौरान 44 लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से पीड़ित 2,722 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज हुए।
कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर से उछाल ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में इस तरह का उछाल 41 दिनों बाद देखा गया है। इसके पहले 16 सितम्बर को दिल्ली में 4473 रिकॉर्ड केस दर्ज किए गए थे।
मंगलवार को 4853 नए मामलों के साथ ही दिल्ली में कुल कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 3.64 लाख हो गई है। इस दौरान राजधानी में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 27,873 है जबकि महामारी का शिकार हुए 6,356 लोगों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन में कोरोना के पॉजिटिव केस पाए जाने की ये रिकॉर्ड संख्या है जबकि पिछले पांच दिनों में ये चौथी बार है जब इसने 4 हजार का आंकड़ा पार किया है। वहीं पिछले 10 दिनों में 8 बार ऐसा हुआ है जब कोविड-19 के पॉजिटिव केस की संख्या 3000 के पार पहुंची है। एक तरफ जहां देश में कोरोना के मामलों में गिरावट पाई गई है वहीं राजधानी में इनकी बढ़ती संख्या ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
देश
में
कम
दिल्ली
में
ज्यादा
स्वास्थ्य
मंत्रालय
द्वारा
मंगलवार
सुबह
जारी
आंकड़ों
के
मुताबिक
24
घंटे
में
देश
भर
में
36,370
नए
कोरोना
के
नए
मामले
दर्ज
हुए
जबकि
4
सप्ताह
पहले
देश
में
70
हजार
मामले
दर्ज
हुए
थे।
देश
भर
में
कोरोना
के
मामले
में
गिरावट
देखी
गई
है।
स्वास्थ्य
मंत्रालय
ने
दिल्ली
में
बढ़ते
मामलों
को
लेकर
चिंता
जताई
है।
इस
पर
नियंत्रण
को
लेकर
मंत्रालय
और
दिल्ली
के
अधिकारियों
के
बीच
गुरुवार
को
बैठक
होने
की
संभावना
है।
पिछली बार दिल्ली ने 4 हजार के आंकड़े को 19 सितम्बर को छुआ था। इसके ठीक दिन पहले ही तब सबसे अधिक 4473 मामले दर्ज किए गए थे।
राजधानी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले ऐसे समय आए हैं जब स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने त्योहारों के सीजन और सर्दियों के चलते एक बार फिर से मामलों के बढ़ने की आशंका जताई थी। विशेषज्ञों ने सलाह दी थी कि तापमान के कम होने पर एक बार फिर से वायरस का असर तेज हो सकता है।
प्रदूषण
भी
बड़ी
वजह
वहीं
कोविड
के
बढ़ते
मामलों
को
राजधानी
में
बढ़
रहे
प्रदूषण
के
साथ
भी
जोड़कर
देखा
जा
रहा
है।
राजधानी
में
गाड़ियों
से
निकलने
वाले
धुएं,
सड़कों
को
निर्माण
कार्यों
की
धूल
के
साथ
ही
पंजाब
और
हरियाणा
में
किसानों
के
पराली
जलाने
से
भी
प्रदूषण
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
पहले
भी
कई
बार
चेताया
जा
चुका
था
कि
प्रदूषण
के
बढ़ने
से
कोविड-19
की
मुश्किल
और
बढ़
सकती
है।
पिछले सप्ताह की दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लोगों ने दीवाली पर पटाखे न फोड़ने और दशहरे पर रावण के पुतले न जलाने की अपील की थी। सिसोदिया ने प्रदूषण को ही असली राक्षस बताया था। हालांकि पिछले रविवार को ही दशहरा था और इस दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे ज्यादा देखा गया था।