JNU में हिंसा के दौरान पुलिस को आई थीं 100 से अधिक PCR कॉल, FIR दर्ज
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में दावा किया गया है कि रविवार शाम को पीसीआर को हमले के संबंध में 100 से अधिक कॉल आए थे। एफआईआर में लिखा गया है कि, रविवार शाम यूनिवर्सिटी परिसर में कई अज्ञात नकाबपोश घुस आए और उन्हें मारपीट-तोड़फोड़ की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा लगभग 3.45 बजे हुई जब छात्रों के दो समूह आपस में भिड़ गए। जिसके बाद संपत्ति के नुकसान की खबरें सामने आईं।
अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुलिस ने अपनी एफआईआर में कहा कि, जेएनयू के छात्र पिछले कुछ दिनों से हॉस्टल फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार, प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में किसी भी विरोध की अनुमति नहीं है। एक इंस्पेक्टर की अगुआई में एक पुलिस दल 5 जनवरी को दोपहर बाद 3.45 बजे प्रशासनिक ब्लॉक में तैनात किया गया, कुछ छात्रों के बारे में सूचना मिली कि पेरियार हॉस्टल में इकट्ठा हुए हैं और उनके बीच लड़ाई हुई है और वे संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस पर इंस्पेक्टर अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पेरियार हॉस्टल पहुंचे जहां उन्होंने लगभग 50 लोगों को नकाब पहने और लाठियों से लैस पाया। भीड़ हॉस्टल में छात्रों को पीट रही थी और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही थी। लेकिन पुलिस को देखकर वे सभी भाग गए।
पुलिस पीसीआर को 100 से अधिक कॉल मिले
पुलिस ने एफआईआर में माना है कि उनके सामने से दो बार करीब 40 से 50 नकाबपोश भाग गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि, उसी समय जेएनयू प्रशासन की ओर से उन्हें कॉल आया और उनसे परिसर में कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए कहा गया। इस दौरान पुलिस पीसीआर को 100 से अधिक कॉल मिले।
साबरमती हॉस्टल में शाम 7 बजे नकाबपोश हमलावरों की सूचना मिली
दर्ज एफआईआर के मुताबिक, शाम करीब 7 बजे पुलिस को सूचना मिली कि साबरमती हॉस्टल में कुछ हुड़दंगी घुस गए हैं, जो वहां के छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं। इस पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची जहां पर करीब 50-60 हुडदंगी लोग हाथों में डंडे लेकर वहां तोड़फोड़ कर रहे थे, जिन्हें ऐसा न करने की चेतावनी दी गई थी, चेतावनी के बाद हुड़दंगी हाथों में डंडे लिए संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे और छात्रों की पिटाई कर रहे थे, वे सब भाग गए। घटना में कई छात्रों को चोटें आईं और उन्हें एम्स ले जाया गया। सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के नुकसान की रोकथाम में आईपीसी की धारा 145, 147, 148 149, 151 और धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
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