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दिल्ली सरकार के फैसले से 2000 से अधिक कर्मियों का भविष्य अधर में लटका

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नई दिल्ली। देश की राजधानी में नामी गिरामी मैक्स अस्पताल के लाइसेंस को केजरीवाल सरकार ने रद्द कर दिया है। लेकिन सरकार के इस फैसले पर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं, दरअसल अस्पताल में तकरीबन 2000 कर्मचारी काम करते हैं जिनका भविष्य अधर में लटक गया है। यहां बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं। वर्ष 2007 से अस्पताल में कुल 33000 मरीजों को एडमिट किया जा चुका है, यहां 250 बेड हैं। इस वर्ष अस्पताल में 1.5 लाख मरीज इलाज के लिए आ चुके हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार के फैसले के बाद अब इस अस्पताल में एक भी मरीज को भर्ती नहीं किया जा सकता है।

arvind kejriwal

2000 स्टाफ का भविष्य अधर में

दिल्ली सरकार ने मैक्स अस्पताल को निर्देश दिया है कि वह तमाम मरीज जोकि अस्पताल में भर्ती हैं उनका इलाज पूरा करे और नए मरीजों की भर्ती नहीं करे। सरकार ने यहां के मरीजों के बारे में तो फैसला दिया है, लेकिन यहां काम करने वाले 2000 से अधिक कर्मचारियों के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यह हमारा काम नहीं है, यह अस्पताल को तय करना है कि उसे यहां काम करने वाले स्टाफ का क्या करना है।

मैक्स अस्पताल विकल्प तलाश रहा

सरकार के फैसले के बाद अस्पताल ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि वह इस फैसले के बाद अपने विकल्प तलाश रहा है, हमे अस्पताल का लाइसेंस रद्द होने का नोटिस मिला है, हमारा यह मानना है कि यह फैसला काफी कठोर है, हमे अपनी बात कहने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया। हमारा मानना है कि अगर किसी एक से गलत फैसला हुआ, इसके लिए पूरे अस्पताल को जिम्मेदार ठहराना गलत है, इससे अस्पताल में मरीजों के इलाज पर असर पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से दिल्ली में अस्पताल की सुविधा में कमी आएगी, हम अपने सभी विकल्प पर विचार कर रहे हैं जोकि हमारे सामने उपलब्ध हैं। हम अपने मरीजों के लिए पूरी तरह से दृढ़ हैं, उन्हें बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए हम पूरी कोशिश करते हैं।

क्या है मामला

आपको बता दें कि दिल्ली के शालीमार बाग मैक्स अस्पताल पर जीवित नवजात बच्‍चे को मृत घोषित करके पॉलीथिन में पैक करने के आरोप लगे थे। अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई थी। मैक्स हॉस्पिटल में बीते 30 नवंबर को एक महिला ने दो बच्चों को जन्म दिया था, जिसमें एक बच्ची की मौत पैदा होते ही हो गई जबकि दूसरा बच्चा जीवित था। डिलिवरी के एक घंटे के बाद ही अस्पताल ने दूसरे बच्चे को भी मौत की सूचना दे दी। जिसके बाद दोनों बच्चों की डेड बॉडी को पैकेट में पैक कर परिजनों को सौंप दिया गया।

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English summary
Delhi government cancels license of Max hospital more than 2000 staff hangs in middle. No direction has been given for the staff of the hospital.
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