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भारत में फैल रहा एक और जानलेवा संक्रमण, कोरोना मरीजों के लिए सबसे घातक, जानिए इस बीमारी के लक्षण

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नई दिल्ली। दुनिया के कई देश वर्तमान में कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहे हैं, भारत में संक्रमित मरीजों की संख्या एक करोड़ के करीब पहुंच गई है जबकि लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत में कोरोना वायरस से मौत की दर भले ही कम हो लेकिन कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी मरीजों पर से मौत का खतरा टला नहीं है। हाल ही में सामने आए एक अध्ययन में एक्सपर्ट्स ने कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में एक दुर्लभ और गंभीर संक्रमण पाए जाने का दावा किया है।

सर गंगा राम अस्पताल के एक्सपर्ट्स का दावा

सर गंगा राम अस्पताल के एक्सपर्ट्स का दावा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में सर गंगा राम अस्पताल के ईएनटी सर्जन ने कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों पर एक शोध किया जिसके परिणान चिंताजनक हैं। ईएनटी सर्जन के मुताबिक पिछले 15 दिनों में कोरोना वायरस के 12 से अधिक मामलों में एक तरह का फंगल इंफेक्शन (कवक संक्रमण) Mucormycosis fungus (म्युकोरमाइकोसिस फंगस) पाया गया है। इस बीमारी में मरीजों को कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

50 प्रतिशत मरीजों की मौत, कई गंभीर समस्याएं

50 प्रतिशत मरीजों की मौत, कई गंभीर समस्याएं

शोधकर्ताओं के मुताबिक इस संक्रमण में 50 फीसदी संभावना है कि कोरोना संक्रमित मरीज अपनी आंखों को रोशनी खो दें। वहीं, इस बीमारी की वजह से नाक और जबड़े की हड्डी हट जाती है। और भी चिंताजनक बाद यह है कि म्युकोरमाइकोसिस फंगस होने के बाद मृत्यु दर 50 प्रतिशत बढ़ जाती है। सर गंगा राम अस्पताल के मुताबिक वहां के ईएनटी और आई टीम ने पिछले कुछ दिनों में करीब 10 मरीजों की जांच की, इस दौरान 50 फीसदी लोगों ने आंखों की रोशनी खो दी।

इस संक्रमण के ये हैं लक्षण

इस संक्रमण के ये हैं लक्षण

वहीं, उनमें से पांच मरीजों की जान भी जा चुकी है। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस बिमारी के विभिन्न लिखित लक्षण हैं, जैसे- चेहरे का सुन्न होना, नाक में ब्लॉकेज या आंखों में सूजन और दर्द होना। शोधकर्ताओं के अनुसार इस गंभीर संक्रमण के कोरोना वायरस मरीजों में अधिक होने की संभावना है। यह संक्रमण हवा, पौधों और जानवरों में मौजूद है। बतौर शोधकर्ता यह संक्रमण कोरोना से ठीक हुए मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है क्योंकि उन्हें स्टेरॉयड दिया गया है।

समय रहते डिटेक्ट न होने पर हो सकते हैं गंभीर परिणाम

समय रहते डिटेक्ट न होने पर हो सकते हैं गंभीर परिणाम

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सर गंगा राम अस्पताल के सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ मनीष मुंजाल ने कहा, यह एक प्रकार का वायरस है, ये कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों पर जल्दी असर दिखाता है। यह शरीर के उस हिस्से को नुकसान पहुंचाता है जहां ये प्रवेश करता है। चूकिं कोरोना वायरस मरीजों में साइटोकिन स्टॉर्म को कम करने के लिए उन्हें स्टेरॉयड की एक खुराक दी जाती है जिसकी वजह से इस गंभीर संक्रमण उनके शरीर में प्रवेश करने की अनुमति मिल जाती है। यह संक्रमण नाक और आंखों से मस्तिष्क तक पहुंच सकता है। सही समय पर इसके पकड़ में न आने पर यह कुछ दिनों में 50 फीसदी से ज्यादा मामलों में मौत का कारण बन सकता है।

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English summary
Deadly fungal infection spreading in corona patients, death of 50 Percent patients
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