JNU हिंसा के खिलाफ सड़कों पर उतरे पूर्व छात्र, येचुरी ने की VC को हटाने की मांग
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रों पर हुई हिंसा के खिलाफ मंगलवार को संस्थान के पूर्व छात्र सड़कों पर उतरे। इस विरोध प्रदर्शन में सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी भी शामिल हुए। इस विरोध मार्च में सीताराम येचुरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, स्टूडेंट्स पर हमला करने वालों की पहचान हो और साथ ही बढ़ी हुई फीस को वापस लिया जाए। इस मार्च में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पूर्व छात्रों के मार्च को लीड कर रहे सीताराम येचुरी ने कहा कि, हम जेएनयू के टीचर्स और स्टूडेंट्स के साथ हैं। मैं जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा करता हूं। हम वीसी को हटाने की मांग करते हैं और चाहते हैं कि स्टूडेंट्स पर हमला करने वालों की पहचान हो और साथ ही बढ़ी हुई फीस को वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि, जेएनयू छात्रों पर हुई हिंसा ने यह साबित कर दिया है कि इस देश में ऐसी व्यवस्था स्थापित करने की कोशिश की जा रही है, जहां एक विचारधारा को न मानने वालों को डंडे के बल से हांका जाएगा।
उन्होंने कहा कि जेएनयू देश-दुनिया को स्वतंत्र विचार देने के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अब उसकी इसी पहचान को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। सीताराम येचुरी ने कहा कि लोगों को संसद से सड़क तक हर जगह चुप कराने की कोशिश हो रही है। केंद्र सरकार लोगों की जुबान पर ताले लगाने की कोशिश कर रही है। नागरिकता संशोधन अधिनियम भी इसी सोच को प्रमाणित करने के लिए लाया गया है कि जो उनकी विचारधारा को नहीं मानता है उसे यहां (हिंदुस्तान में) नहीं रहने दिया जाएगा।
मार्च में भाग ले रहे अखिल भट्टाचार्य ने कहा कि उन्होंने 1980 में यहां से पीएचडी की थी। उन्होंने अपने समय में दक्षिणपंथी विचारधारा के छात्रों के भी साथ बेहतरीन समय गुजारा था। वैचारिक दूरी कभी छात्रों के व्यक्तिगत रिश्तों पर भारी नहीं पड़ती थी।
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