सीरम इंस्टीट्यूट पर ज्यादा भरोसा पड़ रहा भारी, जानिए कैसे फेल हो रहा COVAX प्रोग्राम?
नई दिल्ली, 9 जून। भारत के पड़ोसी बांग्लादेश से लेकर नेपाल हो या फिर सुदूर रवांडा जैसे देश, जहां कोविड-19 संक्रमण तेजी से फैल रहा है, टीकाकरण की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इकलौती भारतीय कंपनी जो उन्हें वैक्सीन मुहैया करा रही थी उसने टीके भेजना बंद कर दिया है।
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स योजना के लिए शीर्ष आपूर्तिकर्ता के रूप में नामित किया गया था। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारत सरकार ने कंपनी के वैक्सीन निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था जिससे कंपनी की बाहर वैक्सीन भेजने की क्षमता बाधित हुई है।
कोवैक्स
प्रोग्राम
को
झटका
कोवैक्स
विश्व
स्वास्थ्य
संगठन
की
सभी
देशों
तक
वैक्सीन
पहुंचाने
की
पहल
है
जिसमें
92
देशों
में
वैक्सीन
डोज
भेजने
का
वादा
किया
गया
है।
द
प्रिंट
की
खबर
के
मुताबिक
कोवैक्स
के
लिए
सीरम
इंस्टीट्यूट
को
20
करोड़
डोज
का
ऑर्डर
दिया
गया
था
लेकिन
अभी
तक
केवल
3
करोड़
डोज
दी
गई
है।
सीरम
से
वैक्सीन
ना
मिलना
ये
बताता
है
कि
कैसे
विकासशील
देशों
में
कोविड
के
खिलाफ
टीकाकरण
की
कोशिश
फेल
हो
रही
है।
इसने
ये
दिखाया
है
कि
किसी
एक
वैक्सीन
निर्माता
पर
निर्भर
होना
ठीक
नहीं
है।
डब्ल्यूएचओ और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि गरीब देशों में कम टीकाकरण संक्रमण को बढ़ा सकता है और वैश्विक महामारी को लंबा कर सकता है। अन्य निर्माताओं को भी लक्ष्य पूरा करने या कोविड शॉट्स के उत्पादन में तेजी लाने में परेशानी हुई है, फिर भी सीरम की कमी का इस पर भारी असर पड़ा है क्योंकि कोवैक्स और विकासशील देश इस पर बहुत अधिक भरोसा कर रहे थे।
अप्रैल
से
बाहर
नहीं
भेजी
डोज
कंपनी
अप्रैल
से
विदेशों
में
कोई
भी
शॉट
भेजने
में
असमर्थ
रही
है,
जब
भारत
सरकार
ने
देश
की
विनाशकारी
दूसरी
लहर
के
बीच
कोविड
वैक्सीन
निर्यात
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
था।
लेकिन
सीरम
के
साथ
समस्या
पहले
से
ही
शुरू
हो
गई
थी।
पिछले साल सीरम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने प्रतिबद्धता जताई थी 2020 के अंत तक निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए एस्ट्राजेनेका पीएलसी के कोरोनावायरस शॉट की 40 करोड़ डोज बनाएंगे। 2021 में एक महीना बीतने पर उन्होंने कहा कि केवल 7 करोड़ डोज बन पाई क्योंकि कंपनी इस बारे में अनिश्चित थी कि उसे भारत से लाइसेंस कब मिलेगा और उसके पास स्टोर करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं था।
WHO ने सीरम इंस्टीट्यूट को याद दिलाया COVAX कमिटमेंट, कहा- दुनिया को दे वैक्सीन
पड़ोसी देश नेपाल उसे केवल 23.8 लाख डोज मिली है जिसमें 10 लाख सीधे सीरम से, अन्य 10 लाख भारत से अनुदान के रूप में और बाकी डोज कोवैक्स प्रोग्राम के तहत मिली है। नेपाल कोवैक्स से पूरी तरह से 1.3 करोड़ डोज की उम्मीद कर रहा था। लेकिन अब यह नहीं हो पा रहा है क्योंकि कोवैक्स आपूर्ति के लिए सीरम पर बहुत अधिक निर्भर था और कंपनी अब सरकारी प्रतिबंधों के कारण निर्यात नहीं कर रही है।