COVID: गुजराती अखबारों में शोक संदेशों की बाढ़, क्या दबाए जा रहे मौत के आंकड़े?
गांधीनगर, 9 मई। कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़ों पर नजर डालें तो गुजरात में पिछले तीन दिनों में वायरस संक्रमण और इसके चलते मौत के मामलों में कमी देखी गई है। लेकिन स्थानीय समाचार पत्रों में बढ़ते शोक संदेशों की संख्या राज्य में सरकारी आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े करती है।
गुजरात के स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में शोक संदेशों की संख्या में हाल ही में लगातार वृद्धि हुई है। जो संभवतः यह दर्शाता है कि राज्य में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के किस कदर प्रभावित किया है।
16
में
7
पन्ने
शोक
संदेश
पिछले
कुछ
दिनों
से
सौराष्ट्र
क्षेत्र
में
प्रकाशित
होने
वाले
प्रमुख
समाचार
पत्रों
में
16
पन्नों
में
से
7-7
पेजों
में
केवल
शोक
संदेश
ही
छापे
किए
जा
रहे
हैं।
सौराष्ट्र भास्कर इस क्षेत्र से प्रकाशित होने वाला एक प्रमुख समाचार पत्र है। इस अखबार के भावनगर संस्करण में एक दिन में 200 शोक संदेश छापे गए हैं। जब कि एक महीने पहले इस अखबार में केवल 30 शोक संदेश की छपते थे। यह भारी वृद्धि यह शंका जाहिर करती है कि आंकड़ों में पूरी संख्या आ नहीं पा रही है।
24
घंटे
में
11,800
नए
मामले
गुजरात
ने
पिछले
24
घंटे
में
11,800
नए
कोरोना
संक्रमण
के
मामले
रिकॉर्ड
किए
हैं
जबकि
14,000
लोग
ने
इस
दौरान
रिकवर
किया
है।
वहीं
आंकड़ों
के
मुताबिक
पिछले
24
घंटे
में
राज्य
में
कोरोना
वायरस
से
119
लोगों
की
मौत
हुई
है।
जब गुजरात के मुख्यमंत्री से कोरोना वायरस से मौत की आधिकारिक संख्या में कमी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दूसरी गंभीर बीमारियों से हुई मौतों को आधिकारिक मौतों में नहीं गिना जा रहा है।
WHO की प्रमुख वैज्ञानिक का बयान, भारत में आए कोरोना के घातक वैरिएंट का सिर्फ टीकाकरण ही है बचाव