ट्रंप के इलाज में कारगर कोरोना की एंटीबॉडी कॉकटेल दवा भारत में लॉन्च, दाम सुनकर उड़ जाएंगे होश
नई दिल्ली, 24 मई: स्विटजरलैंड की मल्टीनेशनल दवा कंपनी रोश इंडिया ने भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी एंटीबॉडी कॉकटेल दवा की पहली बैच लॉन्च कर दी है। इस एंटीबॉडी कॉकटेल में दो तरह की दवाएं शामिल हैं- कैसरिविमैब और इम्डेविमैब। भारत में इस दवा की मार्केटिंग सिप्ला करेगी। लेकिन, कंपनी ने इस दवा की कीमत इतनी ज्यादा रखी है कि इसके बूते सामान्य आदमी के लिए कोविड का इलाज करवाना बहुत ही मुश्किल होगा। वैसे कंपनी का दावा है कि हाई-रिस्क मरीजों को अगर शुरू में ही यह दवा दे दी जाए तो उसके अस्पताल में भर्ती होने या मौत की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। यूरोप के कई देश और अमेरिका में इसका इस्तेमाल हो रहा है।
हाई-रिस्क मरीजों के लिए कारगर है एंटीबॉडी कॉकटेल
पिछले साल अक्टूबर में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कोरोना हुआ था, तब उन्हें रोश एंटीबॉडी कॉकटेल दवा ही दी गई थी। सिप्ला और रोश की ओर जारी साझा बयान में कहा गया है, 'एंटीबॉडी कॉकटेल दवा (कैसरिविमैब और इम्डेविमैब) की पहली बैच अब भारत में उपलब्ध है, जबकि दूसरी बैच जून के मध्य में उपलब्ध हो जाएगी। कुल मिलाकर इस दवा से 2 लाख मरीजों को लाभ होगा, क्योंकि भारत में उपलब्ध 1 लाख दवा के हर पैक से दो मरीजों का इलाज हो सकता है।' यह दवा उन हाई-रिस्क मरीजों के लिए कारगर बताई जा रही है, जिन्हें लक्षण बिगड़ने से पहले ही इसकी खुराक दी जाती है। इसकी वजह से अस्पताल में भर्ती होने और मौत का जोखिम 70 फीसदी तक कम होता है और लक्षण भी चार दिन घट जाते हैं।
व्यस्क और 12 साल से ज्यादा के किशोरों के लिए
इस दवा की एक पैक में दो मरीजों के लायक दवा की खुराक होती है। इस दवा की वायल को 2 डिग्री से लेकर 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करना जरूरी है। अगर एक मरीज के लिए इसकी वायल खोल दी गई तो दूसरे मरीज की खुराक का इस्तेमाल 48 घंटे के अंदर करना आवश्यक है और इस दौरान उसे दिए गए तापमान पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है। यह दवा कोविड-19 के हल्के से लेकर मध्यम स्थिति वाले व्यस्क और पीडियाट्रिक (12 वर्ष या उससे ज्यदा और कम से कम 40 किलो वजन) मरीजों को दी जा सकती है, बशर्ते कि उनकी बीमारी के गंभीर होने का जोखिम ज्यादा हो और उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं हो। रोश फार्मा इंडिया के एमडी वी सिम्पसन एमानुअल ने कहा है, 'हम आशांवित हैं कि भारत में एंटीबॉडी कॉकटेल की उपलब्धता से हॉस्पिटलाइजेशन के मामले कम होंगे, हेल्थकेयर सिस्टम से दबाव घटेगा और स्थिति बिगड़ने से पहले हाई रिस्क मरीजों के इलाज में यह एक अहम रोल निभाएगी।'
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दवा की कीमत 59,750 रुपये
लेकिन, ये दवा काफी महंगी है। मसलन एक मरीज की डोज (1200 एमजी) की कीमत (600 एमजी कैसरिविमैब और 600 एमजी इम्डेविमैब) 59,750 (सभी टैक्स के साथ) रुपये होगी। इस तरह से मल्टी-डोज पैक (एक पैक से दो मरीजों का इलाज होगा) की एमआरपी 1,19,500 रुपये होगी। बयान के मुताबिक ये दवा बड़े अस्पतालों और कोविड ट्रीटमेंट सेंटर के जरिए उपलब्ध होगी। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के देशों में इन दवाओं के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है और उन्हीं के आंकड़ों के मुताबिक भारत में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने भी इसे इमरजेंसी यूज की मंजूरी दी है। सिप्ला के एमडी और ग्लोबल सीईओ उमंग वोहरा ने कहा है, 'हम देश में इस नए इलाज का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए विशाल, आसानी से उपलब्ध अपने सॉलिड मार्केंटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन की ताकत के विस्तार को लेकर आशांवित हैं। '